महागठबंधन पर अकेले भारी पड़े नीतीश कुमार

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझानों में एनडीए बहुमत के आंकड़े से बहुत आगे निकल गया है। रुझानों पर नजर डालें तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अकेले दम पर ही महागठबंधन पर भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं।

रुझानों में एनडीए को 198, महागठबंधन को 39 और अन्य के खाते में 6 सीटें जाने के संकेत मिल रहे हैं। एनडीए के खाते में से नीतीश कुमार की जदयू के हिस्से में अपने दम पर 80 सीटें आती दिख रही हैं। 39 सीटों पर सिमटते दिख रहे महागठबंधन से दोगुनी सीटें अकेले नीतीश कुमार की पार्टी के खाते में हैं। महागठबंधन में कांग्रेस का हाल और भी बुरा है, वो महज 4 सीटों ही जीतती दिख रही है।

नीतीश कुमार की बेदाग और सुशासन बाबू की छवि ने एक बार फिर बिहार चुनाव का पूरा खेल बदल दिया। महागठबंधन ने भले ही भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी, लेकिन नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ खास मौका नहीं बना पाए।

कांग्रेस की हालत रुझानों के मुताबिक तो ऐसी है कि राहुल गांधी जैसे कद्दावर नेता के वोट चोरी जैसे तमाम आरोपों के बावजूद पार्टी असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम से पीछे है। एआईएमआईएम को रुझानों में 5 सीटें मिलती दिख रही हैं।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में दोनों चरणों में कुल 66.91 फीसदी मतदान हुआ था। दोनों ही चरणों में महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले में ज्यादा वोटिंग कर बाजी मारी। आंकड़ों के अनुसार महिलाओं का मतदान प्रतिशत 71.6 फीसदी रहा था। बिहार चुनाव में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 62.8 फीसदी रहा।

अगर ये रुझान नतीजों में बदलते हैं तो बिहार में एनडीए को दूसरी बार इतना बड़ा बहुमत मिलेगा। इससे पहले 2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू को 115 सीटें और भाजपा को 91 सीटें मिली थीं।

2010 के चुनाव में राजद महज 22 सीटें और कांग्रेस 4 सीटें ही जीत पाई थी। इस चुनाव में रामविलास पासवान की लोजपा ने राजद-कांग्रेस गठबंधन में 3 सीटों पर जीत हासिल की थी।

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