मसूद अजहर ने कहा भारत ने मुझे पकड़ने के लिए तालिबान को पैसे ऑफर किए थे

 जसवंत सिंह ने उसे पकड़ने को ताबिलान को पैसे ऑफर किए
जसवंत सिंह ने उसे पकड़ने को ताबिलान को पैसे ऑफर किए

• JeM चीफ मसूद अजहर का दावा कि जसवंत सिंह ने उसे पकड़ने को ताबिलान को पैसे ऑफर किए थे
• मसूद ने लिखा कि भारत सरकार ने मुल्ला मंसूर को दिया था ऑफर, मुल्ला ने ठुकरा दिया
• पाकिस्तानी सरकार पर दुश्मनों के करीब जाने का आरोप लगाया

जसवंत सिंह ने उसे पकड़ने को ताबिलान को पैसे ऑफर किए

नई दिल्ली : जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर ने दावा किया है कि भारत ने उसे पकड़ने के लिए तालिबान को पैसे ऑफर किए थे। अजहर के मुताबिक यह ऑफर 1999 में इंडियन एयरलाइंस की हाइजैक फ्लाइट IC-814 के बदले हुई उसकी रिहाई के तुरंत बाद दिया गया था।

अजहर ने कहा है कि यह ऑफर तत्कालीन भारतीय विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने तालिबानी लीडर मुल्ला अख्तर मोहम्मद मंसूर को दिया था। मुल्ला मंसूर की हाल ही में अमेरिकी ड्रोन विमानों के हमले में मौत हुई है।

अजहर ने मुल्ला मंसूर को याद करते हुए यह बातें जैश के ऑनलाइन मुखपत्र ‘अल कलाम वीकली’ में तीन जून के अंक में लिखी हैं। अजहर इसमें सैदी नाम से लिखता है। अजहर का कहना है कि भारत सरकार ने तालिबान सरकार को यह सौदा ऑफर किया था। इसमें उसके साथ दो और आतंकियों को गिरफ्तार कर भारत भेजने की शर्त थी। 1999 की हाइजैकिंग के दौरान मुल्ला मंसूर अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री था। इस विमान के बदले भारत सरकार ने अजहर, मुश्ताक अहमद और अहमद उमर सईद शेख को रिहा किया था। अजहर को कंधार एयरपोर्ट से बाहर ले जाने के लिए खुद मुल्ला मंसूर आया था और अपनी लैंज क्रूजर में ले गया था।

अजहर ने लिखा है, ‘एकबार मैं मुल्ला मंसूर से कंधार एयरपोर्ट पर मिला। यह एयरपोर्ट उनके मंत्रालय में आता था। मैं कराची से आने वाले डेलिगेशन में शामिल था। तालिबान ने इस डेलिगेशन को लाने के लिए काबुल प्लेन भेजा था। वहां मुल्ला ने हमारा स्वागत किया और मेहमानों को वीआईपी लाउंज में ले गए। मुल्ला साहब ने मुझे अपने बगल के सोफे पर बैठाया। तब उन्होंने मुझे बताया कि जब जसवंत सिंह मुझे छोड़ने कंधार आए थे तो वह भी इसी सोफे पर बैठे थे।’

अजहर ने आगे लिखा है, ‘मंसूर ने काफी खुशी के साथ उस दिन को याद किया। उन्होंने बताया कि जसंवत सिंह ने कहा था कि हमारे कैदी (अजहर, मुश्ताक और शेख) अभी अफगानिस्तान में ही होंगे। आप उन्हें गिरफ्तार कर हमें सौंप दीजिए, हम आपकी हुकूमत को मालामाल करेंगे।’ अजहर ने लिखा है कि मंसूर ने उनको जवाब दिया था, ‘मैंने (मंसूर ने) उनको बताया कि अगर आप भारत सलामत लौट जाएं तो यही बड़ी बात होगी।’ हालांकि, तत्कालीन रॉ के चीफ ए.एस. दुलत ने कहा है कि पैसे की बात नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि इसे दो लोगों के बीच हुई बात बताकर लिखा गया है और इसकी पुष्टि कोई भी नहीं कर सकता, क्योंकि दोनों में से एक (मुल्ला) मर चुका है और दूसरा (अजहर) ऐसा दावा कर रहा है। अजहर को रिहा करने के दौरान जसवंत सिंह के साथ रहे भारतीय राजदूत विवेक काटजू ने भी अजहर के दावे को आधारहीन कहा है।

अजहर ने मुल्ला की मौत पर लिखा है, ‘यह हत्या मुस्लिम देश की छाती पर हमला है। वे ईरान, अफगानिस्तान या पाकिस्तान में जहां भी होंगे, अल्लाह उन सभी को बेनकाब करेगा जो भी इस हमले में शामिल थे।’ उन्होंने पाक सरकार पर आरोप लगाया कि वह दुश्मनों के करीब जाने की कोशिश कर रही है।

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