‘मराठा समुदाय को पहुंचाया नुकसान’, एनसीपी नेता भुजबल का आरक्षण कार्यकर्ता जरांगे पर हमला

वरिष्ठ एनसीपी नेता छगन भुजबल ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पर समुदाय को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जरांगे जिस समुदाय के हितों की रक्षा करने का दावा करते हैं, गांव में उसी का सामाजिक सौहार्द बिगाड़ रहे हैं। भुजबल ने स्थानीय निकाय चुनाव कराने और उनमें अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संतोष जताया।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ एनसीपी नेता छगन भुजबल ने मंगलवार को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पर तीखा हमला बोला। उन्होंने जरांगे पर मराठा समुदाय को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। भुजबल ने कहा कि जरांगे जिस समुदाय के हितों की रक्षा करने का दावा करते हैं, गांव में उसी का सामाजिक सौहार्द बिगाड़ रहे हैं।
भुजबल ने महाराष्ट्र में लंबे समय से लंबित स्थानीय निकाय चुनाव कराने और उनमें अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संतोष जताया। साथ ही कहा कि किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। जरांगे के फिर से सक्रिय होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘उनकी सक्रियता से कोई लाभ नहीं हुआ है। वास्तव में, उन्होंने मराठा समुदाय को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने राज्य भर के गांवों में शांति भंग की है।’
जरांगे ने नए सिरे से विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी
जरांगे ने एक सप्ताह पहले घोषणा की थी कि वह मराठा आरक्षण के लिए राज्य सरकार के खिलाफ नए सिरे से विरोध प्रदर्शन करने के लिए अगस्त के आखिरी सप्ताह में मुंबई तक मार्च करेंगे। पिछले दो वर्षों में कई भूख हड़ताल कर चुके 42 वर्षीय कार्यकर्ता ओबीसी श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
भुजबल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संतोष जताया
भुजबल ने मंगलवार को अहिल्यानगर जिले के शिरडी कस्बे में पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने स्थानीय निकाय चुनावों और उनमें ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘यह आठ करोड़ लोगों के लिए खुशी का क्षण है। सुप्रीम कोर्ट ने हमारा आरक्षण बहाल कर दिया है। किसी को भी परेशान होने की कोई वजह नहीं है।’
सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव के लिए तय की समयसीमा
इससे पहले दिन में, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव संपन्न कराने के लिए समयसीमा तय की और राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को चार महीने में इन्हें संपन्न कराने को कहा। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि इन चुनावों में ओबीसी समुदाय को आरक्षण प्रदान किया जाएगा, जैसा कि 2022 की जयंत बंठिया आयोग की रिपोर्ट से पहले राज्य में मौजूद था।
जयंत बंठिया आयोग ने किया घटिया काम: भुजबल
पूर्व मंत्री भुजबल ने कहा कि जयंत बंठिया आयोग ने घटिया काम किया। आयोग के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में ओबीसी की संख्या बताने से पहले कई गांवों और जिलों का दौरा नहीं किया। यही वजह है कि ओबीसी ने नगर निकाय चुनावों में भी अपना आरक्षण खो दिया। भुजबल ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, ‘जो हुआ और हो रहा है, वह सबके सामने है।
कुछ नए नेता आरक्षण का मतलब क्या है, इसे क्यों दिया जाना चाहिए और कैसे दिया जाना चाहिए, इस बारे में कोई अध्ययन किए बिना ही निर्णय ले रहे हैं। जो लोग अच्छी तरह से जानते हैं, वे परेशान नहीं हैं। हमें इस बात की परवाह क्यों करनी चाहिए कि बिना किसी समझ वाले लोग क्या महसूस करते हैं?’