ममता के लिए खतरे की घंटी है BJP का बढ़ना, शिद्दत से जुटे हैं अमित शाह

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल के नगर निकाय चुनावों में भाजपा के उभार ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि इन चुनावों में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने जबर्दस्त जीत हासिल की है, परंतु वामदलों और कांग्रेस को पछाड़कर नंबर दो पर पहुंचने वाली भाजपा के हौंसले बुलंद हैं। यही वजह है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बंगाल पर अपना फोकस केंद्रित कर दिया है।
 ममता के लिए खतरे की घंटी है BJP का बढ़ना, शिद्दत से जुटे हैं अमित शाहममता के लिए खतरे की घंटी है BJP का बढ़ना, शिद्दत से जुटे हैं अमित शाह

मिशन 2019 के लिए बंगाल है अहम…

– भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन कहते हैं कि पश्चिम बंगाल में भाजपा तृणमूल कांग्रेस के विकल्प के तौर पर साफ तौर पर उभरी है। इसका नजारा विधानसभा चुनाव में स्पष्ट रूप से दिखेगा।
– भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हाल ही में हुई बैठक में मिशन 2019 का खाका खींचते हुए सबसे ज्यादा फाेकस पश्चिम बंगाल पर किया है।
– भाजपा की कोशिश तृणमूलविरोधी मतों और ममता से असंतुष्ट चल रहे उनके नेताओं को अपनी ओर खींचने की है।

कैलाश और निर्मला को सौंपी जिम्मेदारी

अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए जहां प्रभारी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को विशेष टिप्स दिए हैं तो वहीं केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और बाबुल सुप्रियो को विशेष जिम्मेदारी दी है। इसके साथ ही दूसरे केंद्रीय मंत्रियों को प्रदेश का दौरा करने और वहां मोदी सरकार के कामकाज बताने को कहा गया है। यही वजह रही कि पिछले दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने दौरा किया। स्मृति ईरानी, राधामोहन सिंह, प्रकाश जावडेकर, जेपी नड्‌डा, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी आदि ने पश्चिम बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया है।

लोससभा और विधानसभा चुनाव पर है भाजपा की नजर

हालांकि ममता खेमा इस बात से संतुष्ट है कि निकाय चुनाव में उसकी एकतरफा जीत हुई है और दूसरे नंबर की भाजपा अभी उससे काफी पीछे है। लेकिन पिछले तीन वर्षों में बंगाल में भाजपा के बढ़ते कदमों ने तृणमूल कांग्रेस के रणनीतिकारों की पेसानी पर बल ला दिया है। सियासी जानकार बताते हैं कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के वोटबैंक पर भले ही कोई असर नहीं पड़ा हो, परंतु भाजपा ने माकपा और कांग्रेस के वोटबैंक में प्रभावी सेंध लगा दी है। निकाय चुनावों के नतीजों ने भाजपा को अगले वर्ष होने वाले पंचायत चुनावों के लिए नई ऊर्जा दे दी है। दरअसल भाजपा ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के साथ वर्ष 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव के हिसाब से अपनी तैयारी तेज कर दी है।

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