ममता की ‘जंजीर’ से जकड़ा दो मासूमों का बचपन

एजेन्सी/यहां सूफी टोला में दो मासूमों को जंजीरों से बंधा देख कोई भी चौंक जाएगा। इनको बांधने वाले के प्रति मन नफरत से भर जाएगा लेकिन सच्चाई कुछ उलट है। मूक बधिर भाई-बहन कहीं दुर्घटना के शिकार न हो जाएं इसलिए दादी काम पर जाने से पहले उन्हें जंजीर से बांध जाती हैं। बच्चे भी इसे सजा के रूप में नहीं बल्कि सामान्य दिनचर्या के रूप में लेते हैं जैसे खाना, पीना, सोना। बेटी शाजिया थोड़ी बड़ी है लेकिन मासूम उवैस के बाल सुलभ नटखटपन की वजह से उस पर ज्यादा नजर रखनी पड़ती है।
दोनों के चेहरों पर गजब की मासूमियत है। दादी उन्हें स्कूल भी भेजती है जहां विशेष शिक्षिका उन्हें दूसरे बच्चों के बीच पढ़ाती हैं। पिता की मौत के बाद मां इन मासूमों को छोड़कर कहीं चली गई। बूढ़ी दादी ही अब इनकी सब कुछ हैं। एक बार दोनों हादसे का शिकार हो गए तबसे दादी इतना डर गईं कि उनके लिए जंजीरें खरीद लाई ताकि वे अकेले बाहर न जा सकें। दादी उर्बी की आंखों में आंसू आ जाते हैं, वह कहती हैं कि अकेले बच्चों को महफूज रखने का दूसरा रास्ता नहीं सूझता।





