मनरेगा के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं

नई दिल्ली। मनरेगा के मजदूरों के पास काम मांगने के लिए “आधार कार्ड” होना चाहिए। सरकार ने इसके लिए 31 मार्च तक का समय मुकर्रर किया है, ताकि सभी बाकी बचे लोग अपना आधार कार्ड बनवा सकें। इस मसले पर राज्य सभा में पूछे सवाल के जवाब में सरकार ने स्पष्ट किया है कि मनरेगा के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं बनाया गया है। योजना में पारदर्शिता लाने के लिए आधार नंबर का उपयोग किया जा रहा है। इसी के चलते 56 लाख फर्जी जॉब कार्ड रद किए गए हैं।

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मनरेगा के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं

राज्य सभा में पूछे सवाल के जवाब में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि मनरेगा में 80 फीसद जॉब कार्ड धारकों को आधार नंबर से जोड़ दिया गया है। सरकार के इस अभियान में कुल 56 लाख जॉब कार्ड फर्जी पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड से जोड़ने के बहुत फायदे हैं, जिसके लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। लेकिन आधार नंबर को अनिवार्य नहीं बनाया गया है।

31 मार्च के बाद भी आधार से जुड़ने का मिलेगा मौका

तोमर ने बताया कि कुल 10.86 करोड़ जॉब कार्ड धारकों में से 8.67 करोड़ जॉब कार्ड वालों को आधार नंबर से जोड़ दिया गया है। कानून के तहत कराए जा रहे निर्माण कार्यों को जियो टैग किया जा रहा है। योजना में भ्रष्टाचार व अनियमितता पर काबू पाने के लिए यह पहल की गई है। बाकी बचे जॉब कार्ड धारकों को आधार नंबर से जोड़ने की अंतिम तिथि 31 मार्च निर्धारित की गई है। लेकिन इसका यह तात्पर्य नहीं है कि इसके बाद उन्हें काम नहीं मिलेगा। राज्यों के आग्र्रह पर इसकी अवधि को आगे बढ़ाया जा सकता है।

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शून्यकाल के दौरान पूछे सवाल का तोमर ने विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने बताया कि तीन जनवरी को जारी अधिसूचना में केवल यह कहा गया है कि जिन लोगों ने अभी तक आधार नंबर नहीं लिया है, उन्हें 31 मार्च तक अपना कार्ड बनवा लेना चाहिए। कांग्रेस सदस्य रेणुका चौधरी ने जमीनी हकीकत का जिक्र करते हुए सरकार के इस कदम का विरोध किया।

ग्रामीण विकास मंत्री तोमर ने कहा कि मंत्रालय की अधिसूचना जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूरा ध्यान रखा गया। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत 51 लाख संपत्तियों का निर्माण किया गया है, जिन्हें जियो टैग किया गया है। राज्यमंत्री रामकृपाल यादव ने सदन को बताया कि आधार नंबर से जोड़ने की वजह से ही 56 लाख फर्जी जॉब कार्ड धारकों के नाम रद किए गए हैं, जो गरीबों के हक पर डाका डाल रहे थे।

 

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