मध्य प्रदेश में BJP की हार को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिया बड़ा बयान

मुंबई: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि मध्य प्रदेश में कुछ स्थानीय चीजें बीजेपी के विरुद्ध रहीं. राज्य में कांग्रेस और बीजेपी के बीच विधानसभा चुनाव परिणाम में कांटे की टक्कर देखने को मिली. बीजेपी को यहां 109 सीटों पर और कांग्रेस को 114 सीटों पर जीत हासिल हुई. कांग्रेस 230 विधानसभा सीटों वाले राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.

इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘लोकतंत्र में मतदाताओं के अंतिम फैसले को स्वीकार करना चाहिए. हम इस परिणाम को स्वीकार करते हैं.’ प्रधान मध्य प्रदेश में बीजेपी के चुनावी प्रभारी हैं.

उन्होंने कहा, ‘मैंने मध्य प्रदेश में काम किया. मैंने नहीं सोचा था कि इतनी करीबी लड़ाई होगी. मध्य प्रदेश में कुछ स्थानीय चीजें हमारे विरोध में रहीं. अगर हम कुछ छोटी चीजों को संभालने में कामयाब रहते तो हम सत्ता में आ गए होते.’

‘हार की जिम्मेदारी मेरी’
इससे पहले बुधवार को मध्य प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा,‘अथक परिश्रम करने के बाद भी हमें अपेक्षित सफलता भी प्राप्त नहीं हुई. अगर इस हार के लिए कोई जिम्मेदार है तो शिवराज सिंह चौहान है. मैं हूं.’

शिवराज सिंह चौहान ने कहा,‘केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बाद भी हम चुनाव हार गये. दोष मुझमें ही है. कमी मुझमें ही कहीं न कहीं है. मैं इस कसौटी पर खरा नहीं उतर पाया. ‘अबकी बार 200 पार’ पर हम फेल हो गये हैं.’

जब उनसे सवाल किया गया कि 13 मंत्रियों के हारने में क्या टिकट वितरण में गलती हुई, तो उन्होंने कहा,‘जो भी गलती थी, वह मेरी थी. हम जनता के बीच अपने विकास की योजनाओं को ठीक से नहीं पहुंचा पाये. इसके अलावा, कांग्रेस ने जनता के बीच भ्रम का वातावरण बनाया.’

जब उनसे सवाल किया गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को इस हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, तो इस पर उन्होंने कहा, ‘कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. यह प्रदेश का मुद्दा है.’ उन्होंने कहा कि अब हम सशक्त एवं रचनात्मक सहयोग से विपक्ष की भूमिका निभाएंगे और प्रतिरोध पर चौकीदारी की भी जिम्मेदारी हमारी है.

एक सवाल के जवाब में चौहान ने कहा कि वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में फिर से बीजेपी की सरकार बने, यह मेरी मंशा है और इसके लिए हम अभी से तैयारी शुरू करेंगे.

उन्होंने कहा कि जनता से असीम स्नेह और प्यार सरकार को विशेष रूप से मुझे मिलता रहा. उन्होंने कहा,‘परिवार का सदस्य बनकर मैंने सरकार चलाने की कोशिश की. मुझे लगता था कि प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता मेरा परिवार है. उनका सुख मेरा सुख और उनका दुख मेरा दुख है. अपने 13 साल के शासनकाल में मैंने भरसक क्षमता के साथ प्रदेश का विकास करने की कोशिश की.’

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