मध्य प्रदेश के ओरछा की ये ऐतिहासिक इमारतें नही देखी तो कुछ नही देखा आपने, जरुर जाये घुमने

आज हम ओरछा के विषय में बता रहे हैं जो मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित एक जगह है जो खूबसूरत इतिहास से भरा हुआ है। ओरछा एक समय में शक्तिशाली बुंदेला राजपूतों की राजधानी हुआ करता था। ओरछा में महलों, मंदिरों और किलों के साथ बेतवा नदी है। अगर आप किसी शांत-सुंदर और ऐतिहासिक जगह पर कम बजट में सैर पर जाना चाहते हैं तो ओरछा जरूर जाएं। 

ओरछा शायद दुनिया का ऐसा एक मात्र स्थान है, जहां श्रीराम को भगवान नहीं राजा कहा जाता है। ओरछा की रानी भगवान राम की भक्त थीं। उनकी भक्ति को देखते हुए राजा ने श्रीराम का मंदिर ओरछा में बनवाने का निर्णय लिया। राजा ने अयोध्या से श्रीराम की मूर्ति मंगवाई और इसे मंदिर का निर्माण होने तक महल में स्थापित करवा दिया। लेकिन जब मंदिर का निर्माण हुआ और मूर्ति स्थापना का समय आया तो मूर्ति महल से हिलाई ही नहीं जा सकी। लाख कोशिशों के बाद भी जब कोई मूर्ति नहीं उठा सका तो राजा ने इसे भगवान की इच्छा माना और महल को ही मंदिर बना दिया गया।
ओरछा का किला बुंदेलखंड के राजाओं के शौर्य का प्रतीक है। ये विशाल किला राजा छत्रसाल और उनकी बेटी मस्तानी की याद दिलाता है। यहां होनेवाले लाइट शो में भी बुंदेलों की वीरता की गाथा देखी जा सकती है।
जहांगीर महल बुंदेलखंडी वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। इसके खुले गलियारे, पत्थरों वाली जालियां, वास्तुशिल्प और दीवारों पर की गई कलाकृति, जानवरों की मूर्तियां जैसे कई हुनर देखे जा सकते हैं। यहां कई ऐतिहासिक घटनाएं घटीं, जिन्होंने उस काल के हिंदूस्तान को कई रूपों में प्रभावित किया। कई टीवी सीरियल और फिल्मों की शूटिंग इस किले में हो चुकी है।
ग्वालियर से ओरछा की दूरी 120 किलोमीटर है और उत्तर प्रदेश स्थित झांसी से करीब 16 किलोमीटर। ओरछा झांसी-खजुराहो मार्ग पर स्थित है और बस सेवाओं द्वारा ओरछा और झांसी आपस में जुड़े हैं। दिल्ली, ग्वालियर और वाराणसी से ओरछा के लिए बस सेवा भी है। ओरछा का नजदीकी एयर पोर्ट है खजुराहो। यह एयरपोर्ट दिल्ली सहित देश के बड़े शहरों से फ्लाइट से जुड़ा है। ओरछा का नजदीकी रेलवे मुख्यालय है झांसी।