मथुरा-वृंदावन के अलावा इन 5 जगहों पर भी मना सकते हैं Janmashtami

कृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2025) 15 अगस्त को मनाई जाएगी। सनातन धर्म में इस दिन का विशेष महत्व होता है। इस मौके पर लड्डू गोपाल का शृंगार किया जाता है। उन्हें छप्पन भोग लगाया जाते हैं। इस दिन मथुरा वृंदावन में जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती है। आप मथुरा के अलावा और भी कई जगहाें पर ये पर्व मना सकते हैं।
इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 15 अगस्त को मनाई जा रही है। जन्माष्टमी का त्योहार मथुरा-वृंदावन में बहुत भव्य तरीके से मनाया जाता है। ऐसे में अगर आप यहां जाने का सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि इस मौके पर आपको भयंकर भीड़ मिल सकती है। अगर आप भीड़भाड़ और लंबी-लंबी लाइनों से बचना चाहते हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं है। जन्माष्टमी भारत के सबसे बड़े और उत्साह से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है, और इसे मनाने के लिए सिर्फ मथुरा-वृंदावन ही नहीं, देशभर में कई खूबसूरत और शांत जगहें भी मौजूद हैं।
ऐसे में आप चाहें तो भीड़-भाड़ से दूर, शांत माहौल में भी भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की भव्यता और आनंद का अनुभव कर सकते हैं। इन जगहों पर आपको रंग-बिरंगे झूले, फूलों से सजे मंदिर, भजन-कीर्तन, मटकी फोड़ प्रतियोगिता और स्वादिष्ट प्रसाद का आनंद मिलेगा, लेकिन बिना उस अफरा-तफरी के, जो अक्सर बड़े शहरों में देखने को मिलती है। आप यहां पर आप आराम से दर्शन कर सकते हैं।
इसके अलावा पूजा-अर्चना में शामिल हो सकते हैं और अपने परिवार या दोस्तों के साथ त्योहार का जश्न मना सकते हैं। यहां आपको एक अलग ही आध्यात्मिक अनुभव मिलेगा, जहां आप पूरी तरह से भगवान कृष्ण की भक्ति में डूब जाएंगे। आज का हमारा लेख भी इसी विषय पर है। हम आपको उन मथुरा-वृंदावन के अलावा उन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप जन्माष्टमी मना सकते हैं। आइए उन जगहों के बारे में जानते हैं विस्तार से –
द्वारका (गुजरात)
मथुरा-वृंदावन में कृष्ण जन्माष्टी तो भव्य तरीके से मनाई ही जाती है, ऐसे में अगर आप इस बार कहीं और जाने का सोच रहे हैं तो गुजरात का द्वारका भी एक बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। यहां भगवान श्री कृष्ण का पौराणिक मंदिर है। बताया जाता है कि मथुरा छोड़ने के बाद वो द्वारका ही आए थे। यहां का द्वारकाधीश मंदिर बहुत ही भव्य है।
जयपुर (राजस्थान)
जयपुर में भी राधा कृष्ण का भव्य मंदिरा है। आप श्री राधा गोपीनाथ जी मंदिर में जन्माष्टमी के मौके पर जा सकते हैं। इस दिन यहां का माहौल देखने लायक होता है। आपको बता दें कि इस मंदिर में श्रीकृष्ण को रोजाना घड़ी पहनाई जाती है। जन्माष्टमी के मौके पर इस मंदिर को फूलों से सजाया जाता है। साथ ही ये मंदिर दीयों की रोशनी से जगमग हो उठता है।
पुरी (ओडिशा)
आपको बता दें कि पुरी में जन्माष्टमी का जश्न तो हफ्ते भर पहले ही शुरू हाे जाता है। यहां पर कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। भगवान श्री कृष्ण की झांकियां तो देखने लायक होती हैं। तो इस बार आप पुरी जाने की प्लानिंग कर सकते हैं।
मुंबई (महाराष्ट्र)
आमतौर पर लोगों को लगता है कि मुंबई में गणेश चतुर्थी ही भव्य तरीके से मनाई जाती है, लेकिन जन्माष्टमी के मौके पर यहां का नजारा देखने लायक होता है। यहां का सबसे बड़ा आकर्षण दही-हांडी उत्सव होता है।
उडुपी (कर्नाटक)
साउथ इंडिया में भी आप जन्माष्टमी मनाने जा सकते हैं। उडुपी में श्री कृष्ण मठ का नजारा जन्माष्टमी के मौके पर स्वर्ग सा लगता है। यहां पर भगवान छप्पन भोग लगाया जाता है। यहां भी भक्तों की भीड़ देखने काे मिलती है।