मतदाता सूची में घुसपैठ: बंगला नंबर 45 और 52 में रहने वाले बांग्लादेशी हैं या नहीं? 

आगरा के छावनी परिषद क्षेत्र के बंगला नंबर 45 और 46 में रह रहे कथित बांग्लादेशी नागरिकों की जांच ठंडे बस्ते में है। जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने 27 अगस्त को पांच सदस्यीय जांच समिति गठित की थी, लेकिन चार महीने बीतने के बाद भी समिति की ओर से कोई निर्णय या रिपोर्ट सामने नहीं आई है। वहीं छावनी परिषद की मतदाता सूची भी तैयार कर ली गई है। ऐसे में जांच रिपोर्ट लंबित रहने के कारण संभावना जताई जा रही है कि बांग्लादेशी मूल के लोग भी छावनी क्षेत्र के चुनाव में वोट डाल सकते हैं।

छावनी विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने 6 जुलाई को प्रतिनिधिमंडल के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर इस विषय पर लिखित शिकायत सौंपी थी। उन्होंने परिवारों की जांच की मांग भी की थी। विधायक का आरोप था कि बांग्लादेशी मूल के लोगों के नाम मतदाता सूची में दर्ज हैं। साथ ही वर्षों पहले सीओ सदर कार्यालय के पास हुए बम धमाके में भी इन्हीं परिवारों के सदस्यों के नाम सामने आए थे, पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।

रक्षा मंत्री ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसे जिलाधिकारी को जांच के लिए भेजा था। इसके बाद जिलाधिकारी ने पांच सदस्यीय टीम गठित की थी। एसीएम प्रथम के नेतृत्व में तहसीलदार सदर, चकबंदी अधिकारी, छावनी परिषद के अधीक्षक कुलविंदर सिंह और सहायक अध्यापक अविनाश पाठक को सदस्य बनाया गया था। पर, एसीएम के तबादले के चलते जांच नहीं हो पाई और कोई रिपोर्ट तैयार नहीं हुई।

मतदाता सूची तैयार
छावनी परिषद ने मतदाता सूची तैयार कर ली है, जिसमें उन बंगलों में रह रहे संदिग्ध परिवारों के नाम भी शामिल हैं। कार्यालय अधीक्षक कुलविंदर सिंह ने बताया कि आठों वार्ड में कुल 21,311 मतदाता सूची में शामिल हैं। बंगलों की जांच के लिए जांच समिति बनाई गई थी। एसीएम फर्स्ट के तबादले के बाद किसी को उनकी जगह नियुक्त नहीं किया गया इससे रिपोर्ट में देरी हो रही है। सूची बनाते समय आठों वार्ड का डोर टू डोर निरीक्षण और दस्तावेज सत्यापन किया गया है। बांग्लादेशी नागरिकता की सत्यता जांच के आधार पर ही होगी। मनोनीत सदस्य राजेश गोयल का कहना है कि बोर्ड मीटिंग में विधायक डॉ. जीएस धर्मेश की मांग पर छावनी परिषद ने सत्यापन और जांच कर सूची तैयार की है।

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