मंत्री संपतिया उइके मामले में पटवारी बोले-1 हजार करोड़ की जांच 4 दिन में पूरी कैसे, CBI जांच की मांग

मध्य प्रदेश की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की मंत्री संपतिया उइके के 1000 करोड़ रुपए कमीशन लेने के आरोप मामले में कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर हमला बोल दिया है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने जांच को लेकर कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी का चाल, चरित्र और चेहरा है, जो देश और दुनिया को स्पष्ट दिख रहा है। पटवारी ने कहा कि 21 तारीख को जांच के आदेश दिए जाते हैं और 25 तारीख को जांच पूरी हो जाती है। 4 दिनों में एक हजार करोड़ रुपए की जांच समाप्त हो जाना अपने आप में बहुत कुछ बयां करता है। उन्होंने कहा है कि मामले में प्रधानमंत्री को वह पत्र लिखेंगे और सीबीआई जांच की मांग करेंगे।

मंत्री को तत्काल देना चाहिए अपने पद से इस्तीफा
पीसीसी चीफ पटवारी ने कहा कि वे जल जीवन मिशन में हुए भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखिंगे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन के 60% कमीशन का मामला है। इसका भौतिक सत्यापन होना चाहिए। मंत्री को तत्काल अपना इस्तीफा देना चाहिए। जीतू पटवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री को एक नेशनल टीम भेजकर इसकी जांच करनी चाहिए। साथ ही इसकी सीबीआई जांच भी कराई जाना चाहिए।

सरकार बीजेपी की है, इसलिए बीजेपी की जांच एजेंसी
पटवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का दावा था कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा। लेकिन यहां भारतीय जनता पार्टी सिर्फ खाने का काम कर रही है। बीजेपी के नेता ही खा सकते हैं, दूसरों को उसमे भी कोई छूट नहीं है। खांऊगा ही और हम ही खाएंगे, ये भाजपा का नया नारा है। देश में नरेंद्र मोदी जी ने एक ऐसा देश बनाने की बात कही थी, जिसमें कोई भ्रष्टाचारी बच नहीं सकता। पटवारी ने कहा कि 21 तारीख को जांच के आदेश दिए जाते हैं और 25 तारीख को जांच पूरी हो जाती है। ये इसलिए की मंत्री बीजेपी की है, सरकार बीजेपी की है। इसलिए कि बीजेपी की जांच एजेंसी है। क्या ये मोदी का नया भारत है, न खांऊगा न खाने दूंगा। अगर विपक्ष का हो तो छीछालेदर और अपना हो तो उसमे शहद डाल दो। अगर ये देश के लिए हित में नहीं है, तो हमे लड़ना पड़ेगा।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी बोला हमला
मध्य प्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष ने भी मामले में सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि जनता को न नल मिला, न जल – मिला तो सिर्फ घोटालों का दल! जल जीवन मिशन के 30,000 करोड़ में से 1,000 करोड़ के कमीशन की शिकायत अप्रैल में सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय तक गई, जिसमें मंत्री @SampatiyaUikey और अफसरों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए। मामले को दो महीने तक दबाए रखने के बाद पीएचई विभाग ने जून के अंत में जांच के आदेश दिए और खानापूर्ति करते हुए विभाग ने मंत्री जी को क्लीनचिट भी दे डाली।

शिकायत के फौरन बाद जांच शुरू क्यों नहीं की गई
सिंघार ने आगे लिखा कि यहां सवाल उठते हैं कि PMO में शिकायत के फौरन बाद जांच शुरू क्यों नहीं की गई और इसे दो महीने तक लटकाया गया? जांच का जिम्मा किसी स्वतंत्र एजेंसी के बजाय विभाग से जुड़े अधिकारियों को क्यों सौंपा गया? कैसे आदेश जारी होने के मात्र एक सप्ताह में ही जांच पूरी भी कर ली गई और मामले में क्लीनचिट दे दी? संपतिया उइके जी, जहां आग लगती है, वहीं से धुआं उठता है! जल जीवन मिशन में घोटाले किसी से छुपे नहीं हैं। मैंने जल जीवन मिशन में पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर हो रही गड़बड़ियों के मुद्दे को कई बार विधानसभा में उठाया है लेकिन सरकार हर बार इस पर जवाब देने से बचती रही। मेरी मांग है कि इस मामले की जांच पुनः किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा हो ताकि सच्चाई प्रदेश की जनता के सामने आ सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button