मंत्री ओमप्रकाश राजभर भाजपा से नाता तोड़ने को तैयार, अखिलेश से भी करेंगे मुलाकात
भाजपा के प्रमुख सहयोगी दलों में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अपना सियासी रास्ता अलग चुनने को तैयार है। हालांकि इसका एलान आज होगा।
पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर मंगलवार को ही इसका एलान करने वाले थे, लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सुबह दिल्ली में उनके पुत्र अरविंद राजभर और प्रवक्ता राणा अजीत सिंह को बुलाकर आश्वस्त किया कि सुभासपा को सीटें देने के मुद्दे पर अंतिम फैसला लेकर रात तक उन्हें सूचित कर दिया जाएगा।
इसके बाद ओमप्रकाश ने भाजपा से रिश्ता रखने के संबंध में अपना फैसला बुधवार तक के लिए टाल दिया। राजभर ने कहा कि भाजपा अगर उनको सीटें देती है तो ठीक, अन्यथा बुधवार को हम भाजपा से अलग होने का एलान कर देंगे।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि ओमप्रकाश के निर्देश पर ही अरविंद और अजीत रविवार को ही दिल्ली पहुंचे थे, लेकिन उनकी मुलाकात भाजपा अध्यक्ष से नहीं हो पाई। सोमवार को सिर्फ जेपी नड्डा से ही बात हुई, जिसमें कोई फैसला नहीं हो पाया।
दोनों देर रात तक अमित शाह से मिलने की प्रतीक्षा करते रहे, लेकिन मुलाकात नहीं हुई। इस पर ओमप्रकाश ने दोनों को लखनऊ लौट आने को कहा था। मंगलवार सुबह अमित शाह ने दोनों को बुलाकर भेंट की और सीटों के बंटवारे पर रात तक फैसला लेकर सूचित करने का आश्वासन दिया।
इसके बाद दोनों मंगलवार शाम लखनऊ लौट आए। ओमप्रकाश राजभर भी मंगलवार को यहां पूरे दिन अपने आवास पर रणनीतिकारों और समर्थकों के साथ मंत्रणा करते रहे।
आज अखिलेश से मिल सकते हैं ओमप्रकाश
सूत्रों के अनुसार ओमप्रकाश राजभर ने आगे की रणनीति पर भी काम करना शुरू कर दिया है। वह बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिल सकते हैं। चर्चा यह भी है कि भाजपा से रिश्ता टूटने के बाद वह कांग्रेस या सपा-बसपा गठबंधन के साथ जा सकते हैं।
राजभर की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका से दो दौर की बात हो चुकी है।
सूत्रों की मानें तो राजभर तो सपा-बसपा गठबंधन के साथ जाना चाहते हैं, लेकिनकुछ लोग कांग्रेस के साथ रहने का सुझाव दे रहे हैं। दरअसल सपा-बसपा गठबंधन में तो दो-तीन सीटें ही मिलने की बात कही जा रही है, जबकि कांग्रेस से 6 से 8 सीटें मिलने की संभावना है।