भोपाल से आई टीम हुई रवाना, 12 ब्लैक व दो हॉटस्पॉट का अध्ययन कर बताएगी सड़क हादसों का कारण

दमोह में सड़क हादसों की जांच के लिए मैनिट भोपाल की टीम ने 12 ब्लैक स्पॉट और 2 हॉटस्पॉट का निरीक्षण किया। टीम ने साइन बोर्ड की कमी समेत निर्माण खामियों को चिह्नित किया। रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी गई, विस्तृत अध्ययन के बाद टीम अगले सप्ताह फिर दौरा करेगी।
दमोह जिले में बढ़ते सड़क हादसों की जांच करने भोपाल से आई मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान मैनिट की टीम रविवार रात वापस चली गई। टीम ने हादसों वाले 12 ब्लैक व दो हॉटस्पॉट का निरीक्षण किया। अब भोपाल में जाकर इनका अध्ययन कर सड़क हादसों का कारण बताएगी। टीम के अगले सप्ताह फिर से वापस आने की संभावना है।
पूर्व में 500 मीटर के दायरे में होने वाले हादसों की जांच कर ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए थे। उस दौरान कमियों को दूर करने का प्रयास भी किया गया था, लेकिन बावजूद इसके हादसे बदस्तूर जारी हैं। दमोह जिले में औसतन हर महीने 70 सड़क हादसे हो रहे हैं। अब इसकी मूल वजह जानने के लिए जिला प्रशासन ने मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान मैनिट टीम को भोपाल से जांच के लिए बुलाया। प्राध्यापक अनुज जायसवाल ने जिले के 12 ब्लैक स्पॉट और 2 हॉट स्पॉट का भ्रमण किया। रविवार को टीम ने सर्किट हॉउस में कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर एवं एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी से चर्चा की और अपने निरीक्षण की रिपोर्ट भी सौंपी। टीम के साथ यातायात टीआई, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, एमपीआरडीसी, पीडब्ल्यूडी, परिवहन विभाग के अधिकारी साथ थे।
यहां भी ज्यादा हादसे
भोपाल से आई विशेष टीम ने सिंग्रामपुर क्षेत्र में दमोह-जबलपुर स्टेट हाईवे का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गंभीर खामियां उजागर हुईं, जिनमें दिशा सूचक और साइन बोर्ड की अनुपस्थिति प्रमुख रही। निरीक्षण टीम में साइड इंजीनियर नीलेश, कंसल्टेंसी टीम से रणविजय, साइड इंजीनियर जितेंद्र व पेट्रोलिंग टीम से आनंद अहिरवार और सत्येंद्र ठाकुर शामिल रहे। टीम ने सड़क निर्माण से जुड़े तमाम पहलुओं का अवलोकन किया और पाया कि निर्माण कंपनी द्वारा ब्लैक स्पॉट क्षेत्रों पर आवश्यक साइन बोर्ड और स्पीड लिमिट संकेतक अब तक नहीं लगाए गए हैं। टीम ने मौके पर ही संबंधित निर्माण कंपनी को लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने और ब्लैक स्पॉट क्षेत्रों में सुरक्षा संकेतक लगाने के निर्देश दिए।
संबंधित विभागों को दिए निर्देश
प्राध्यापक अनुज जायसवाल ने कहा कि एक्सीडेंट की संख्या बढ़ रही है। इस बारे में अध्ययन किया जाएगा। टीम ने हादसों वाले लोकेशन्स, ब्लैक स्पॉट्स सभी का विजिट किया है। उन्होंने कहा सर्वे के दौरान कुछ समस्याएं प्रारंभिक तौर पर सामने आई हैं, जिन्हें संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं। अब टीम स्टडी करेगी और अगले सप्ताह पूरी टीम के साथ पुन: आएंगे और सर्वे करने के बाद हम बेहतरी के लिए जितना भी कर सकते हैं और कोशिश करेंगे कि एक्सीडेंट शून्य हो जाएं। उन्होंने कहा विजिट के दौरान कुछ कारण भी समझ में आए हैं।





