भोपाल मेट्रो का पहला कमर्शियल सफर शुरू: राजधानी की रफ्तार बदली

भोपाल में रविवार सुबह 9 बजे एम्स स्टेशन से मेट्रो का पहला कमर्शियल रन शुरू हुआ। मेट्रो 30 मिनट में सुभाष नगर पहुंची और करीब 100 यात्रियों ने सफर किया। इसके साथ भोपाल देश का 26वां मेट्रो शहर बन गया। शुरुआती चरण में मेट्रो 8 स्टेशनों के बीच दिन में 17 ट्रिप चलाएगी। यात्रियों में उत्साह दिखा।
राजधानी भोपाल ने रविवार सुबह इतिहास रच दिया। ठीक सुबह 9 बजे एम्स स्टेशन से भोपाल मेट्रो का पहला कमर्शियल रन शुरू हुआ। भोपाल मेट्रो के पहले सफर को लेकर यात्रियों में जबरदस्त उत्साह नजर आया। लगभग हर यात्री मोबाइल से वीडियो और फोटो बनाता दिखा। मेट्रो 30 मिनट में सुभाष नगर स्टेशन पहुंची। पहले ही दिन करीब 100 यात्रियों ने सफर किया, जिनमें बच्चे से लेकर 75 साल के बुजुर्ग तक शामिल रहे।भोपाल आधिकारिक तौर पर देश का 26वां मेट्रो शहर बन गया है।
एक दिन में 17 ट्रिप, 8 स्टेशनों से मिलेगी सेवा
शुरुआती चरण में मेट्रो सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगी। इस दौरान कुल 17 ट्रिप होंगी।एम्स, अलकापुरी, डीआरएम, रानी कमलापति, एमपी नगर, डीबी मॉल, केंद्रीय स्कूल और सुभाष नगर इन 8 स्टेशनों से यात्री मेट्रो में सवार हो सकेंगे। एम्स से सुभाष नगर के बीच 9 और सुभाष नगर से एम्स के बीच 8 ट्रिप रहेंगी। फिलहाल हर 75 मिनट में एक मेट्रो उपलब्ध होगी। यात्रियों की संख्या और ऑपरेशन के अनुभव के आधार पर आगे फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाएगी। भीड़ नियंत्रण के लिए हर स्टेशन पर एक समय में अधिकतम 500 यात्रियों को ही प्रवेश दिया जाएगा।टिकट काउंटर से मिलेंगे, किराया 20 से 40 रुपए अभी ऑनलाइन टिकटिंग की सुविधा शुरू नहीं हुई है। यात्रियों को मैन्युअल टिकट काउंटर से टिकट लेना होगा।
किराया तीन जोन में तय किया गया
2 स्टेशन तक: 20 रुपए
3 से 5 स्टेशन: 30 रुपए
6 से 8 स्टेशन: 40 रुपए
इंदौर मेट्रो की तरह शुरुआती दिनों में मुफ्त या रियायती सफर की उम्मीद थी, लेकिन भोपाल में यह सुविधा नहीं दी गई।
सुविधाएं हाईटेक, लेकिन पार्किंग बड़ी चुनौती
सभी स्टेशनों पर एस्केलेटर, लिफ्ट और रैंप की सुविधा है। डीबी मॉल, एमपी नगर और सुभाष नगर में फुट ओवरब्रिज बनाए गए हैं। रानी कमलापति स्टेशन को रेलवे स्टेशन से सीधे जोड़ा गया है, जिससे ट्रेन से उतरकर यात्री सीधे मेट्रो पकड़ सकेंगे। सुरक्षा के लिहाज से सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर लगाए गए हैं, जो ट्रेन रुकने के बाद ही खुलते हैं। हालांकि, मेट्रो स्टेशनों पर पार्किंग की सुविधा न होना यात्रियों के लिए बड़ी परेशानी बन सकता है। फिलहाल यात्रियों को अपनी जिम्मेदारी पर वाहन खड़े करने होंगे। मेट्रो प्रशासन टू-व्हीलर पार्किंग की व्यवस्था पर काम कर रहा है।
2018 में शुरू हुआ सपना, 2025 में हकीकत
भोपाल मेट्रो का पहला रूट एम्स से करोंद तक 16.05 किलोमीटर लंबा है। प्राथमिकता कॉरिडोर पर काम 2018 में शुरू हुआ था। अक्टूबर 2023 में पहली बार मेट्रो का ट्रायल रन हुआ था। अब करीब सात साल बाद राजधानी को मेट्रो की सौगात मिल गई है। भोपाल मेट्रो के साथ शहर की यातायात व्यवस्था में एक नया अध्याय जुड़ गया है।





