भोपाल में तीन कलेक्टर समेत कई अधिकारियों का सरकारी बंगलों पर कब्जा

मध्य प्रदेश सरकार ने राजधानी भोपाल में लंबे समय से सरकारी बंगलों पर कब्जा जमाए बैठे अधिकारियों पर सख्ती दिखाई है। दमोह, उमरिया और मंदसौर के कलेक्टर समेत कई अफसर तबादले के बाद भी भोपाल के मकानों में जमे हुए हैं। गृह विभाग ने साफ कर दिया है कि अब तुरंत बंगले खाली किए जाएं, वरना कार्रवाई होगी।
मध्य प्रदेश सरकार ने राजधानी भोपाल में लंबे समय से बंगलों पर कब्जा जमाए बैठे तीन कलेक्टरों समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों पर सख्ती दिखाते हुए उनके सरकारी मकान खाली कराने के निर्देश दिए हैं। गृह विभाग ने एस्टेट विभाग को आदेश दिया है कि जिन अधिकारियों का तबादला महीनों पहले हो चुका है और उन्हें संबंधित जिलों में आवास आवंटित भी कर दिए गए हैं, वे तुरंत बंगले खाली करें।
जानकारी के अनुसार, दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर, उमरिया कलेक्टर धरेंद्र कुमार जैन और मंदसौर कलेक्टर अदिति गर्ग राजधानी भोपाल में सरकारी मकान अब तक खाली नहीं किया है। यही नहीं, उज्जैन के अपर आयुक्त रत्नाकर झा, रायसेन की अपर कलेक्टर श्वेता पवार, राजगढ़ के सीईओ महीप तेजस्वी, ग्वालियर के डीआईजी अमित सांघी, ग्वालियर की अपर आयुक्त निधि सिंह, इंदौर के डीएसपी उमाकांत चौधरी और रीवा के सीईओ मेहताब सिंह गुर्जर भी महीनों से स्थानांतरण के बाद भोपाल के सरकारी मकानों में जमे हुए हैं। गृह विभाग ने साफ कर दिया है कि अब किसी को भी मोहलत नहीं मिलेगी। जिन अधिकारियों ने समय रहते बंगले खाली नहीं किए, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निशा बांगरे को भी मिला था नोटिस
बता दें 2023 विधानसभा चुनाव के पहले डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को भी सरकारी मकान खाली नहीं करने पर नोटिस भेजा गया था। बांगरे के चुनाव लड़ने की अटकलों के चलते यह मामला बहुत गरमाया था। उस समय नोटिस में उनके भोपाल से ट्रांसफर होने के बाद भी सरकारी आवास पर अवैध कब्जे के लिए कार्रवाई किए जाने की बात कही थी। हालांकि बांगरे ने निजी कारण से बंगला खाली नहीं कर पाने का कारण बताया था और नोटिस मिलने के कुछ दिन बाद बंगला खाली कर दिया था।