भोपाल: पटवारी पर FIR के बाद भड़की कांग्रेस

पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के आवास पर बिना अनुमति प्रदर्शन करने के आरोप में पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी, कांग्रेस प्रदेश मीडिया प्रभारी मुकेश नायक, और 20 से अधिक अज्ञात कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज होने के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। FIR को लेकर मुकेश नायक ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि यह केस सिर्फ कांग्रेस के विरोध को दबाने की साजिश है। उन्होंने शिवराज को चेताते हुए कहा आपने मुकदमा दर्ज कर बहुत बड़ी गलती कर दी है। अब मैं प्याज के छिलके की तरह एक-एक परत हटाकर आने वाले छह महीनों में आपका असली चेहरा जनता के सामने लाऊंगा। ये कोई धमकी नहीं है, बल्कि एक लोकतांत्रिक जवाब है। आपने राजनीति को जिस स्तर तक गिराया है, उसका अंजाम भी आपको भुगतना होगा।”
विपक्ष राजनीति न करे तो क्या मछली मारे?
नायक ने सवाल किया कि अगर विपक्षी दल का अध्यक्ष जनता की समस्या लेकर सरकार से मिलने न जाए तो क्या करे? जीतू पटवारी किसानों की व्यथा लेकर गए थे। विपक्ष अगर जनता की बात न उठाए तो क्या वो मछली मारने की योजना बनाएगा? आप इतने बड़े महाराजा हो गए हैं कि दुखी किसान को मिलने के लिए अनुमति लेनी होगी?
भीतर से कुछ और, बाहर से कुछ और हैं शिवराज
नायक ने शिवराज सिंह पर दोहरा चेहरा रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब हम मिलने गए तो शिवराज जी खरगोश जैसे सौम्य भाव में बात कर रहे थे, और बाहर निकलते ही हमारे खिलाफ FIR करा दी। यही है उनका असली चेहराभीतर से कुछ और, बाहर से कुछ और।
प्रदीप मिश्रा की कांवड़ यात्रा में 10 लोग मरे, कोई केस नहीं
मुकेश नायक ने कथित संत प्रदीप मिश्रा को लेकर भी सवाल उठाया कि सीहोर के तथाकथित संत जब रुद्राक्ष बांटते हैं तो पूरा ट्रैफिक ठप हो जाता है। उनकी कांवड़ यात्रा में 10 लोगों की मौत हुई, क्या उनके खिलाफ एफआईआर हुई? क्या उन्होंने ट्रैफिक के लिए अनुमति ली थी?
शिवराज ने सिर्फ फायदा उठाया, मदद नहीं की
कांग्रेस नेता ने शिवराज सिंह चौहान को स्वार्थी करार देते हुए कहा कि शिवराज जी, आपसे ज्यादा किसी ने इस प्रदेश से फायदा नहीं उठाया। आपने न किसान की मदद की, न आम आदमी की। बुधनी और विदिशा में भी कोई नहीं कह सकता कि आपने चार लोगों की मदद की हो। आप सिर्फ लोगों से लेते हैं, लौटाते कुछ नहीं।
किसानों के दर्द की आवाज बनकर गए थे, FIR कर दी
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वे किसानों की ओर से सोयाबीन और फसल की खराब दरों को लेकर मिलने गए थे एक किसान बोरी भर बीज बोता है और कटाई के बाद उसे 50 किलो भी उपज नहीं मिलती। 18 हजार की लागत पर फसल 11 हजार में बिकती है। हम उसी पीड़ा को लेकर शिवराज सिंह से मिलने पहुंचे थे।