भोपाल: अब सरकारी मकान कब्जाए रखना पड़ेगा महंगा!

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंगमध्यप्रदेश सरकार अब सरकारी मकान कब्जाए रखने वालों पर सख्ती करेगी। कैबिनेट में बढ़ा हुआ किराया लगाने का प्रस्ताव पर र्चा हो सकती है। तबादला या रिटायरमेंट के बाद 3 महीने में मकान न खाली करने पर 10 गुना किराए पर 30% अतिरिक्त जुर्माना लगेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में कैबिनेट बैठक आयोजित होगी। इसमें कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा होगी। इसमें सरकारी आवास पर तबादले या रिटायरमेंट के बाद भी कब्जा जमाने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है। सरकार राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में सरकारी आवासों पर अनधिकृत कब्जा बनाए रखने वाले अफसरों और कर्मचारियों पर अब सख्ती की तैयारी है।
राज्य सरकार आवास किराया नीति में संशोधन कर ऐसे अधिकारियों से वसूला जाने वाला जुर्माना बढ़ाने जा रही है। मौजूदा नियमों के अनुसार, किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को तबादले या सेवानिवृत्ति के बाद तीन माह के भीतर सरकारी मकान खाली करना अनिवार्य है। निर्धारित अवधि पूरी होने के बाद उनसे मौजूदा किराए का दस गुना वसूला जाता है। लेकिन सरकारी मकानों का मूल किराया बहुत कम होने से दस गुना राशि भी बाजार दर के मुकाबले काफी कम पड़ती है, जिसके कारण कई लोग मकान खाली करने से बचते रहते हैं। अब सरकार ने इस स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए दस गुना किराए पर अतिरिक्त 30 प्रतिशत अधिभार लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इस संशोधन पर अंतिम निर्णय कैबिनेट में हो सकता है। वहीं, राजधानी में इस समय एक हजार से अधिक आवेदन सरकारी आवास आवंटन के लिए लंबित हैं, जबकि लगभग इतनी ही संख्या में अधिकारी तबादले या रिटायरमेंट के बाद भी आवास खाली नहीं कर रहे हैं।





