भूल से भी इस दिन न बनाए संबंध, वरना नर्क में मिलती हैं जगह…
जिस तरह खाने-पीने और रहने के नियम बनाए गए हैं, वैसे ही यौन संबंधों को लेकर भी कुछ नियम बनाए गए हैं। ब्रह्मवैवर्त पुराण के श्रीकृष्णखंड में बताया गया है कि दिन के समय और सूर्योदय, सूर्यास्त के समय स्त्री पुरुष को यौन संबंध से बचना चाहिए।
ऐसा करने से अगले सात जन्मों तक व्यक्ति रोगी होता है और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा भी कुछ तिथियाँ हैं, जिसमें व्यक्ति को यौन संबंधों से बचना चाहिए। इन निय्तामों के बारे में महाभारत के अनुशासन पर्व में भी बताया गया है।
इस अनुशासन पर्व के अनुसार महिला और पुरुष को यौन सम्बन्ध बनाने से बचना चाहिए। क्योंकि इस तिथि में मिलन से व्यक्ति को नीच योनि जैसे कीट, पशु, कीड़े के रूप में जन्म मिलता है साथ ही नर्क भी भोगना पड़ता है।
इसके अलावा पूर्णिमा, चतुर्दशी और अष्टमी तिथि में भी यौन सम्बन्ध बनाने की मनाही है। ऐसा करने पर व्यक्ति को नर्क का वास करना पड़ता है। साथ ही ग्रहण जैसी अशुभ तिथि में भी मिलन को टालना चाहिए। इसके साथ-साथ जन्माष्टमी, रामनवमी, होली, शिवरात्रि, नवरात्रि इन शुभ रात्रियों में दैवी शक्तियां जागृत रहती हैं इसलिए इनमें भी स्त्री-पुरुष मिलन से बचना चाहिए।