भूल जाइए सांडे का तेल, यहां चाव से खाया जाता है सांडा का मांस, बिरयानी में डालकर पकाते हैं लोग

सोशल मीडिया पर एक वीडियो ने तहलका मचा दिया है, जिसमें सऊदी अरब में सांडा (Sanda) मांस की बिरयानी के बारे में बताया गया. भारत में सांडे का तेल औषधीय उपयोग के लिए मशहूर है लेकिन सऊदी अरब में लोग इस रेगिस्तानी छिपकली के मांस को चाव से खाते हैं. खासकर बंगाली प्रवासी वर्कर्स ने अपने यूट्यूब व्लॉग्स में दिखाया है कि वे अपने खोफिल (स्पॉन्सर या नियोक्ता) के लिए सांडा पकड़ते हैं, उसे पकाते हैं और बिरयानी बनाकर परोसते हैं.
सांडा क्या है और क्यों है मशहूर?
सांडा, जिसे वैज्ञानिक रूप से Uromastyx के नाम से जाना जाता है, एक रेगिस्तानी छिपकली है जो सऊदी अरब, मिस्र और मध्य पूर्व के अन्य हिस्सों में पाई जाती है. यह मोटी और मजबूत दिखने वाली छिपकली शाकाहारी होती है, जो रेगिस्तान में पौधों और बीजों पर निर्भर रहती है. इसका मांस सऊदी अरब में एक पारंपरिक व्यंजन माना जाता है, खासकर बेदुईन समुदायों में. सांडा को पकड़ना और पकाना वहां की संस्कृति का हिस्सा है और इसे विशेष अवसरों पर परोसा जाता है.
सोशल मीडिया पर वायरल एक रेडिट पोस्ट के अनुसार, सांडा मांस सऊदी अरब में एक डेलिकेसी है. इस पोस्ट में बताया गया कि बंगाली प्रवासी वर्कर्स अपने खोफिल (नियोक्ता) के लिए सांडा पकड़ते हैं और उसे बिरयानी में डालकर पकाते हैं. वीडियो में दिखाया गया कि सांडा को पकड़ने से लेकर उसे साफ करने, मसालों के साथ पकाने और बासमती चावल के साथ बिरयानी बनाने तक की पूरी प्रक्रिया होती है. यहां तक कि खोफिल के बच्चे भी इस सांडा बिरयानी के दीवाने हैं.
सांडा बिरयानी कैसे बनती है?
सांडा बिरयानी बनाने की प्रक्रिया सऊदी अरब की पारंपरिक काब्सा या बिरयानी से मिलती-जुलती है लेकिन इसमें सांडा मांस का उपयोग होता है. वायरल वीडियो के आधार पर इसकी रेसिपी कुछ इस प्रकार है: