भारत में अब नहीं महंगा होगा पेट्रोल-डीजल, सऊदी अरब ने दिया…

सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको की दो तेल रिफाइनरियों पर पिछले महीने ड्रोन से हमले हुए थे. कंपनी पर हमले के बाद कच्चे तेल के भाव में जोरदार तेजी आने के कारण पेट्रोल और डीजल के भाव भारी वृद्धि आई थी. पहले से ही आर्थिक मंदी से जूझ रहे भारत पर ये बहुत भारी पड़ सकता था. इस वजह से सरकार चिंतित थी और इसलिए, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से नए सऊदी ऊर्जा मंत्री अब्दुलअज़ीज़ बिन सलमान से फ़ोन पर बात कि और कहा की वे भारतीय सप्लाई को प्रभावित करने की अनुमति न दें.

सऊदी अरब में भारत के राजदूत औसाफ सईद ने न्यूज़ 18 को बताया कि सऊदी अरब ने भारत को आश्वासन दिया है कि वे तेल का एक विश्वसनीय और भरोसेमंद स्रोत बने रहेंगे. भारत को जितने भी तेल की आवश्यकता होगी सऊदी उसे प्रदान कराएगा.

भारत सऊदी अरब से लगभग 18 प्रतिशत तेल खरीदता है. पिछले साल भारत ने 39.8 मिलियन मीट्रिक टन तेल आयात किया था. वहीं भारत में 30 फीसदी एलपीजी सऊदी अरब से आती है. सऊदी अरब पर गए प्रधानमंत्री मोदी ने अरामको झटके के बावजूद निरंतर तेल आपूर्ति के लिए किंग सलमान को व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद दिया.

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मंगलवार को भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी परिषद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए जो व्यापार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा और लोगों से लोगों की सगाई की देखरेख करेंगे. इस समझौते के तहत, भारतीय प्रधानमंत्री हर दो साल में शिखर स्तर पर सऊदी क्राउन प्रिंस से मुलाकात करेंगे.

इस नई भागीदारी के तहत हर साल विदेश और व्यापार मंत्रियों की बैठक होगी. सऊदी अरब ने ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के साथ पहले से ही समान साझेदारी पर हस्ताक्षर किए हैं. भारत सऊदी अरब के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला चौथा देश है.

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