भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच हर खतरे के लिए तैयार हो रहा जम्मू-कश्मीर

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर में 29 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए, जम्मू-कश्मीर सरकार 29 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल करने जा रही है। इस मॉक ड्रिल का लक्ष्य आम नागरिकों को आपातकालीन स्थिति, खासकर सीमा पार से खतरों या आतंकी घटनाओं की स्थिति में सुरक्षा तैयारियों और प्रतिक्रिया प्रणाली का परीक्षण करना है।

मॉक ड्रिल में क्या-क्या होता है?
अभ्यास के तहत अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनकी पहचान छिपाने का बंदोबस्त किया जाते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि दुश्मन के विमान महत्वपूर्ण फैक्टरियों, प्रतिष्ठानों को दूर से ही निशाना न बना सकें। किसी भी युद्ध में दुश्मन की सेना ऐसे प्रतिष्ठानों को ही सबसे पहले निशाना बनाती है, ताकि अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ी जा सके। इसके अलावा हमले की स्थिति में आम लोगों की सुरक्षित निकासी की योजना बनाने और उनका बार-बार पूर्वाभ्यास किया जाता है।

मॉक ड्रिल के दौरान लोगों को क्या करना होगा?
मॉक ड्रिल के दौरान आम नागरिकों को प्रशासन के निर्देशों का पालन करना होगा। इस दौरान सायरन बजने पर प्रशासन के सुझाए गए सुरक्षित जगहों पर जाने की तैयारी करना है। वहीं ब्लैकआउट की स्थिति में घर में रहना और घरों की लाइट बंद करना शामिल है।

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