भारत ने चीन को दिया करारा जवाब, रक्षा मंत्री बोले- 1962 की तरह अब हम कमजोर नहीं

भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ता जा रहा है। चीन द्वारा सड़क निर्माण को लेकर पहले भूटान और अब भारत ने कड़ा जवाब दिया है। रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि 1962 और 2017 की स्थिति में अंतर है, अब हम पहले की तरह कमजोर नहीं हैं।
इसके अलावा विदेश मंत्रालय द्वारा जारी 11 बिंदुओं के बयान में कहा गया है कि चीन द्वारा सड़क निर्माण के चलते भारत की सुरक्षा को खतरा हो सकता है और इससे वर्तमान स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित होगी। भारत चीन के कदम को लेकर गंभीर है। विदेश मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया है कि चीन 2012 का आग्रीमेंट याद करे जिसमें कहा गया है कि ट्राइ जंक्शन पर सीमा को लेकर फैसला भारत-चीन और तीसरा देश आपस में सहमति से लेंगे। इसके बिना ट्राइ जंक्शन पर कोई भी हरकत को इस अग्रीमेंट के उल्लंघन के तौर पर देखा जाएगा।
भारत ने चीन के उस दावे को भी गलत करार दिया है जिसमें उसने भारतीय सैनिकों पर उसकी सीमा में घुसने का आरोप लगाया था। भारत ने कहा है कि 16 जून को पीएलए की टीम डोकलम इलाके में सड़क बनाने के लिए घुसी थी। रॉयल भूटान आर्मी ने चीनी सैनिकों को ऐसा करने से रोका।
इससे पहले चीन ने एक बयान में कहा था कि सीमा पर सड़क निर्माण कर चीन संधि का उल्लंघन कर रहा है।भूटान ने कहा कि उसने सड़क निर्माण को लेकर चीन को डिमार्शे भी जारी किया है और चीन से तत्काल निर्माण कार्य रोककर यथास्थिति बहाल करने के लिए कहा गया है।
इससे पहले खबर आई थी कि भारत और चीन ने सीमावर्ती इलाकों में सौनिकों की तैनाती की है। दोनों देशों में सीमा पर 3 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार सेना ने इसे लेकर कुछ भी नहीं कहा है लेकिन बताया जा रहा है कि डोका ला जनरल और ट्राइ जंक्शन पर सैनिकों की तैनाती को गंभीर माना जा रहा है। भारत ने जहां साफ किया है कि वो ट्राइ जंक्शन तक चीन को सड़क नहीं बनाने देगा वहीं भूटान ने भी डोका ला में निर्माण पर आपत्ति जता दी है।
चीन ने दी धमकी
सिक्किम में सड़क को लेकर चल रही ताजा तनातनी के बीच चीन भारत को धौंसपट्टी देने पर उतर आया है। बीजिंग का कहना है कि सिक्किम सेक्टर से भारतीय सैनिकों के हटने पर ही सार्थक बातचीत होगी। 1962 के युद्ध का जिक्र किए बिना चीन ने भारतीय सेना को इतिहास से सबक लेने की भी नसीहत दे डाली।
चीन का यह बयान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय सेना चीन, पाकिस्तान और आंतरिक खतरों से निपटने के लिए ढाई मोर्चों पर तैयार है। चीनी सेना द्वारा भारतीय बंकरों को ध्वस्त करने और दोनों ओर की सेना के बीच हाथापाई होने के बाद जनरल रावत ने गुरुवार को सिक्किम पहुंचकर हालात का जायजा लिया। सेनाध्यक्ष ने जवानों का हौसला भी बढ़ाया।
अवैध तौर पर घुसने का आरोप
सिक्किम में जारी गतिरोध को लेकर चीन के विदेश और रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय सेना पर चीन के क्षेत्र में अवैध तरीके से घुसने का आरोप लगाया है। बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा कि सिक्किम सीमा से सेना हटाने तक भारत से सीमा विवाद पर कोई बातचीत नहीं होगी। विवाद को सुलझाने के लिए यह पूर्व शर्त है। हालांकि कूटनीतिक चैनल पर इसका कोई असर नहीं होगा।