भारत तोड़ देगा अमेरिका का घमंड, जल्द आ सकती है अंडमान से गुड न्यूज

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश है। अमेरिका, रूस से तेल खरीदने पर भारत पर दबाव बना रहा है। भारत अंडमान सागर में कच्चे तेल के भंडार की खोज कर रहा है और उसे प्राकृतिक गैस का भंडार भी मिला है। अगर भारत को तेल का भंडार मिल जाता है, तो वह आत्मनिर्भर हो जाएगा और अमेरिका का दबाव कम हो जाएगा।

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश है। भारत में रोजाना तेल की खपत लगभग 5.05 मिलियन बैरल है। अनुमान है कि 2030 तक यह आंकड़ा काफी बढ़ जाएगा, जिसका मुख्य कारण इंडस्ट्रियलाइजेशन, शहरीकरण और बढ़ते मिडिल क्लास जैसे फैक्टर हैं। लेकिन इस समय भारत की तेल खरीद पर अमेरिका शिकंजा कस रहा है। रूसी तेल खरीद की वजह से अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगा रखा है। इतना ही नहीं अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके बाद से भारत की अधिकतर कंपनियों ने रूस से तेल खरीद बंद कर दी है। यानी कुल मिलाकर सस्ते दाम पर भारत को रूस से जो तेल मिल रहा था अब वह लगभग बंद हो चुकी है। क्योंकि भारत खरीद ही नहीं रहा है। इसके पीछे का कारण है अमेरिका।

अमेरिका नहीं चाहता कि भारत, चीन या फिर कोई बड़ा देश रूस से तेल खरीदे। अमेरिका तर्क दे रहा है कि भारत की तेल खरीद से रूस को आर्थिक फायदा हो रहा है जिसका इस्तेमाल वह यूक्रेन के साथ जंग में कर रहा है। हालांकि, सिर्फ भारत ही नहीं यूरोपीय और अमेरिकी देश भी रूस से नेचुरल गैस और तेल की खरीदारी कर रहे हैं। लेकिन उन पर ट्रंप प्रशासन मौन है। अमेरिका नहीं चाह रहा है कि भारत, रूस और चीन मिलकर उसके डॉलर को कमज करें। लेकिन भारत आने वाले समय में कच्चे तेल में आत्मनिर्भर हो सकता है। दरअसल, हिंदुस्तान ने अंडमान सागर में अपने कच्चे तेल भंडार की खोज को तेज कर दिया है।

गयाना के बराबर कच्चे तेल भंडार होने की संभावना

जुलाई में भारत के केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में हुए 9वें OPEC इंटरनेशनल सेमिनार में कच्चे तेल के भंडार को लेकर जानकारी दी थी। उस समय उन्होंने कहा था कि भारत कच्चे तेल के भंडार के बेहद करीब पहुंच चुका है। जल्द ही भारत गयाना के क्षेत्रफल करीब 2.5 लाख वर्ग किलोमीटर के बराबर ऑयल फील्ड को खोज लेगा। हम उसके बेहद करीब पहुंच चुके हैं।

अंडमान सागर में भारत की खोज लगातार जारी है। अगर अंडमान में कच्चे तेल का भंडार मिल जाता है तो यह भारत कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस में आत्मनिर्भर बन जाएगा। इससे पहले सितंबर में भारत को अंडमान सागर में प्राकृतिक गैस का भंडार मिला था। यह भंडार श्री विजयपुरम-2 कुएं में मिला था। यह कुआं 295 मीटर पानी की गहराई में स्थित है और इसकी गहराई 2650 मीटर है। इसकी जानकारी भी पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दी थी।

भारत के लिए गेम चेंजर साबित होगा अंडमान?

भारत मिशन मोड में अंडमान में कच्चे तेल के भंडार की खोज कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से ऐलान किया था कि भारत समंदर के नीचे छिपे कच्चे तेल और प्राकृतिक के भंडार को मिशन मोड में खोजेगा। इसी के अगले महीने भारत को प्राकृतिक गैस का भंडार मिला था। अब वह दिन दूर नहीं जब भारत को अंडमान सागर में कच्चे तेल का भंडार मिलेगा। अगर भारत को अंडमान में कच्चे तेल का भंडार मिला जाता है तो इससे भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा होगा। भारत की इकोनॉमी एक झटके में कई गुना बढ़ सकती है।

टूट जाएगा अमेरिका का घमंड

अगर भारत को अंडमान सागर में कच्चे तेल का भंडार मिल जाएगा तो उसके बाद अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का असर भारत पर नहीं पड़ेगा। या यूं कहे कि अमेरिका का घमंड टूट जाएगा। क्योंकि भारत कच्चे तेल में आत्मनिर्भर हो जाएगा।

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