भारत को मिल सकती है अमेरिका से बेहतर ट्रेड डील

अमेरिका और चीन के बीच चल रहा ट्रेड वार सुर्खियों में बना हुआ है। इससे विश्व अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ रहा है। हालांकि कुछ देशों को इनके ट्रेड वार से फायदा भी हो सकता है। जेफरीफ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस ट्रेड वार के चलते भारत और जापान दोनों को ही अमेरिका से बेहतर डील मिल सकती है। जिससे यहां के कारोबारियों को बड़ा फायदा होगा।

जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वार से भारत और जापान, अमेरिका के साथ बेहतर तरीके से डील कर सकता है। हालांकि ये दोनों ही देश कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे, जिससे उनका चीन के साथ ट्रेडिंग पर कोई असर पड़े।

ट्रेड वार के बीच अमेरिका ये पूरी कोशिश करता हुआ दिखाई दे रहा है कि वे बाकी देशों के साथ अच्छे ट्रेडिंग रिश्ते बनाकर चीन को अलग कर दें। लेकिन क्या ऐसा हो पाएगा?

क्या चीन ट्रेड वार में अकेला रह जाएगा?

रिपोर्ट में ये साफ बताया गया है कि आज के समय कई देश अमेरिका के मुकाबले चीन के साथ ज्यादा ट्रेडिंग कर रहे हैं। चीन कई देशों के लिए आज ट्रेडिंग के मामले में अमेरिका से ज्यादा बड़ा है। वहीं आईएमएफ की रिपोर्ट से भी यही बात जाहिर होती है।

आईएमएफ से मिले आंकड़ों की मानें तो साल 2024 में 143 देशों में से 71 फीसदी देशों ने अमेरिका से ज्यादा चीन के साथ व्यापार किया है। इसके साथ ही 107 देशों में से 53 फीसदी ऐसे देश भी रहे हैं, जिन्होंने अमेरिका की तुलना में चीन के साथ दोगुना ज्यादा व्यापार किया है।

इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विश्व ट्रेडिंग के मामले में चीन, अमेरिका से ज्यादा बेहतर है।

अगर हम इसकी तुलना साल 2001 से करें, जब चीन डब्ल्यूएचओ में शामिल हुआ था। उस समय ये आंकड़ा लगभग आधा था।

चीन ने दी है ये धमकी

ट्रेड वार के चलते चीन ने सभी देशों को ये धमकी दी है कि अगर कोई देश अमेरिका के साथ ऐसी ट्रेड डील करता है, जिससे चीन को नुकसान पहुंचेगा, तो वह उस देश के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।

ट्रेड वार की कैसे हुई शुरुआत?

2 अप्रैल 2025 के दिन अमेरिका कुछ ऐसी घोषणा करता है, जिससे पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था डगमगा जाती है। शेयर बाजार में भारी बिकवाली होने लगती है। वहीं सोने के दाम आसमान छूने लगते हैं। लेकिन ऐसा क्या होता है?

2 अप्रैल की देर रात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा कर देते हैं। इस टैरिफ का मतलब हुआ कि अब किसी भी देश को अमेरिका में सामान बेचने पर अमेरिका सरकार को अतिरिक्त टैक्स देना होगा। हालांकि कुछ दिनों ही बाद ही ये ऐलान होता है कि चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों पर टैरिफ 90 दिनों के लिए रोक दिया गया। जिसके बाद से ही चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार चल रही है।

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