भारत के SBI ने किया कमाल, बॉन्ड बेचकर विदेशों से जुटाए 50 करोड़ डॉलर

देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक ने विदेशी निवेशकों को बॉन्ड (SBI Bonds) बेचकर 500 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। भारतीय स्टेट बैंक ने इस इश्यू का मूल्य अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड से 75 आधार अंक अधिक रखा था। कई रेटिंग एजेंसियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अच्छी रेटिंग दी थी जिसके चलते विदेशी निवेशकों ने एसबीआई के बॉन्ड में दिलचस्पी दिखाई।

भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI Bonds) ने बॉन्ड के जरिए विदेशी निवेशकों से 500 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। खास बात यह रही कि इस इश्यू का मूल्य अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड से 75 आधार अंक अधिक रखा गया था। यह किसी भारतीय जारीकर्ता द्वारा इस तरह के बॉन्ड के लिए अब तक का सबसे कम मूल्य निर्धारण है। सूत्रों ने बताया कि इस इश्यू के आयोजक एचएसबीसी, सिटी, जेपी मॉर्गन, एमयूएफजी, स्टैंडर्ड चार्टर्ड और एसएमबीसी निक्को थे।

भारतीय स्टेट बैंक ने अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड (US Treasury Bond) के मुकाबले अब तक के सबसे कम अंतर पर अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से डॉलर बॉन्ड के जरिए 50 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब कुछ सप्ताह पहले अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को ‘बीबीबी-‘ से बढ़ाकर ‘बीबीबी’ कर दिया था।

S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने भी भारत की रेटिंग को अपग्रेड किया था। एजेंसी ने भारत को सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक माना है, जिसमें महत्वपूर्ण वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 22 से वित्त वर्ष 24 तक 8.8% की औसत वास्तविक GDP वृद्धि है।

Happy to share that @TheOfficialSBI has successfully raised USD 500 million dollar denominated bonds from overseas market at competitive coupon rate of 4.5%, indicating the value proposition of the #SBI in the global market. The raising comes at the backdrop of India’s recent…

— DFS (@DFS_India)
बॉन्ड इश्यू ने 85 खातों से 1.1 अरब डॉलर से अधिक के ऑर्डर प्राप्त किए। हालांकि एसबीआई ने 50 करोड़ डॉलर की लक्ष्य राशि बरकरार रखने का फैसला किया। इस बॉन्ड को ओवरसब्सक्राइब किया गया, जो एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोप के निवेशकों की जबरदस्त मांग को दर्शाता है। एसबीआई बॉन्ड जारी करने की प्रक्रिया को 5 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड के आधार पर निर्धारित किया गया था और इसकी कीमत बेंचमार्क से 75 आधार अंकों के अंतर पर तय की गई थी।

SBI के चेयरमैन चल्ला श्रीनिवासुलु शेट्टी ने कहा कि यह सफलता भारत की विकास गाथा और एसबीआई की ऋण क्षमता में वैश्विक विश्वास को दर्शाती है। उन्होंने आगे कहा कि यह मूल्य निर्धारण एक नया मानक स्थापित करता है, जो रेटिंग में इजाफे के बाद भारतीय जारीकर्ताओं के लिए कम उधारी लागत दर्शाता है।

एचएसबीसी इंडिया के सिद्धार्थ शर्मा ने कहा कि इस सौदे की सफलता भारत की मजबूत वित्तीय प्रणाली और निवेशकों के विश्वास को दर्शाती है, क्योंकि इस प्रक्रिया के दौरान स्प्रेड को 30 आधार अंकों तक कम किया गया था।

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