भारत की वो नदी, जहां पानी से ज्यादा बहता है खून! चट्टानों पर यूं बहती है लाल धार

भारत की नदियां अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं लेकिन झारखंड के रजरप्पा मंदिर के पास दामोदर नदी सबसे खास है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें नदी का पानी लाल रंग का दिख रहा है और चट्टानों पर खून जैसी धार बहती नजर आ रही है. यह दृश्य इतना खौफनाक है कि लोग इसे देखकर डर रहे हैं तो कुछ इसे मां छिन्नमस्ता के मंदिर का चमत्कार मान रहे हैं. एक युवक ने इसका वीडियो शेयर करते हुए बताया कि इस नदी में पानी से ज्यादा खून बहता है. लेकिन क्या है इस लाल पानी की सच्चाई? क्या यह वाकई खून है या प्रकृति और मानव की करतूत का नतीजा?

इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि दामोदर नदी का पानी सामान्य नहीं, बल्कि गहरा लाल रंग लिए हुए है. नदी के किनारे की चट्टानों पर भी लाल धार बह रही है, जो किसी डरावनी फिल्म के दृश्य जैसी लगती है. युवक ने इसका वीडियो बनाया और शेयर करते हुए कहा कि इस नदी में पानी से ज्यादा खून बहता है. असल में इसकी वजह कुछ और ही है. रजरप्पा मंदिर में हर दिन बकरे की बलि चढ़ती है. लोग अपनी मन्नतों के पूरे होने के बाद यहां आकर बकरे की बलि चढ़ाते हैं. मंदिर परिसर में बलि चढ़ने के बाद इन्हें नदी के किनारे लाकर काटा जाता है और वहीं प्रसाद तैयार होता है, जिसे लोग अपने परिवार के साथ खाते हैं. इसी वजह से नदी के किनारे बहने वाला पानी लाल दिखाई देता है.

कन्फ्यूज हुए लोग
वायरल हो रहे वीडियो ने लोगों को कुछ देर के लिउए कन्फ्यूज कर दिया. एक यूजर ने कैप्शन में लिखा, “यह नदी खून से लाल हो गई! क्या यह मां छिन्नमस्ता का प्रकोप है?” वीडियो को लाखों व्यूज और हजारों कमेंट्स मिल चुके हैं. कुछ यूजर्स ने इसे धार्मिक चमत्कार बताया तो कुछ ने प्रदूषण की आशंका जताई. एक यूजर ने लिखा, “यह मां का चमत्कार है, जो हमें प्रकृति की रक्षा का संदेश दे रहा है.” वहीं, एक अन्य ने टिप्पणी की, “यह कोई चमत्कार नहीं बल्कि पास की फैक्ट्रियों का कचरा है!” लेकिन असलियत तो ये है कि बलि में चढ़े बकरों का खून पानी में मिल जाने के कारण इसका रंग लाल दिखाई दे रहा है.

बेहद प्रसिद्द है ये मंदिर
रजरप्पा मंदिर, जो मां छिन्नमस्ता को समर्पित है, झारखंड के रामगढ़ जिले में दामोदर और भैरवी नदियों के संगम पर स्थित है. यह मंदिर तंत्र साधना और मन्नत पूर्ति के लिए प्रसिद्ध है. स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, मां छिन्नमस्ता का स्वरूप शक्तिशाली और रहस्यमयी है. कुछ भक्त मानते हैं कि नदी का लाल रंग मां के प्रकोप या चमत्कार का प्रतीक है. लेकिन वैज्ञानिक इस घटना को अलग नजरिए से देखते हैं. दामोदर नदी, जिसे “कोयलांचल की गंगा” भी कहा जाता है, लंबे समय से प्रदूषण की चपेट में है. पास की कोयला खदानें, स्टील फैक्ट्रियां और रासायनिक इकाइयां नदी में कचरा डालती रही हैं. 2023 में नोएडा की हिंडन नदी का पानी भी लाल हो गया था, जिसके लिए अवैध डाइंग यूनिट्स को जिम्मेदार ठहराया गया था. लेकिन नदी के किनारे बहने वाला खून भी इसके लाल होने की वजह है.

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