भारत और इंग्लैंड दोनों के लिए क्रिकेट खेलने वाले एकमात्र खिलाड़ी की क्यों हो रही चर्चा

भारत और इंग्लैंड के बीच 20 जून से पांच टेस्ट मैच की सीरीज का आगाज होगा। सीरीज के आगाज होने से पहले ही पटौदी नाम चर्चा में आग गया है। ‘पटौदी’ क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण नाम है। यह नाम भारत और इंग्लैंड के लिए खास स्थान रखता है। इन दिनों ‘पटौदी ट्रॉफी’ को लेकर खूब चर्चा हो रही है।

दरअसल, इंग्लैंड और भारत के बीच खेले जाने वाली टेस्ट सीरीज के शुरू होने से पहले ही इस सीरीज का नाम बदल दिया गया है। भारत और इंग्लैंड के बीच खेलने जाने वाली टेस्ट सीरीज को पहले पटौदी के नाम से जानते थे। अब इसे ‘तेंदुलकर और एंडरसन’ के नाम से जाना जाएगा।

2007 में शुरु हुई ‘पटौदी ट्रॉफी’

बता दें कि ‘पटौदी ट्रॉफी’ की शुरुआत साल 2007 में हुई थी। तब यह इंग्लैंड में भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज पहचान रही है। हालांकि, अब इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) और बीसीसीआई (BCCI) ने आपसी बातचीत के बाद इसे नया नाम देने का फैसला कर लिया है।

दोनों देशों के लिए खेलने वाले इकलौते खिलाड़ी

पटौदी ट्रॉफी, इफ्तिखार अली खान पटौदी के नाम पर रखी गई। पटौदी क्रिकेट इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। वह टेस्ट क्रिकेट में दो देशों (इंग्लैंड और भारत) के लिए खेलने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। इफ्तिखार अली खान पटौदी को ‘नवाब पटौदी’ भी कहा जाता है।

भारत-इंग्लैंड के लिए खेले 3-3 टेस्ट मैच

नवाब पटौदी ने साल 1932 से 1934 तक इंग्लैंड के लिए 3 टेस्ट मैच खेल। इस दौरान उन्होंने कुल 144 रन बनाए। इसके बाद पटौदी ने 1946 में भारत के लिए इंग्लैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 55 रन बनाए। वह इस सीरीज के लिए भारतीय टीम के कप्तान भी रहे। भारत को दो मैच गंवाने पड़े थे और एक ड्रॉ कराने में सफल रहा था।

Back to top button