भारतीय वास्तुकला की मिसाल हैं ये 5 ऐतिहासिक जगहें…

भारत अपने इतिहास, संस्कृति और अनोखी वास्तुकला के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। प्राचीन भारत में ऐसी कई इमारतें बनी हैं, जो आर्किटेक्चर (Unique Indian Architecture) की मिसाल हैं और इन्हें टक्कर देना काफी मुश्किल होता है। इन्हें देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं और इनकी खूबसूरती का दीदार करते हैं।
इनमें से कुछ स्थलों को यूनेस्कों वर्ल्ड हेरिटेज साइट में भी शामिल किया गया है। आइए जानते हैं ऐसी ही 5 शानदार स्थलों (5 UNESCO World Heritage Sites) के बारे में जो अपने अनोखे आर्किटेक्चर के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं।
रानी की वाव, गुजरात

गुजरात के पाटण में स्थित रानी की वाव सिर्फ एक बावड़ी नहीं, बल्कि भूमिगत मंदिर है। इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में राजा भीमदेव प्रथम की स्मृति में रानी उदयमती ने करवाया था। यह वास्तुकला और मूर्तिकला का अनोखा नमूना है, जो सदियों तक सरस्वती नदी की बाढ़ के गाद में दबी रहने के कारण संरक्षित रही। इसकी दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं, अप्सराओं और नाग-नागिनों की सैकड़ों सुंदर मूर्तियां उकेरी गई हैं। यह सीढ़ीदार कुआं भारतीय जल प्रबंधन प्रणाली की महानता और कलात्मक प्रगति का प्रतीक है।
कोनार्क सन टेंपल, ओडिशा

कोनार्क का सूर्य मंदिर एक विशाल और भव्य रथ के आकार में बना हुआ है, जिसे 13वीं शताब्दी में राजा नरसिंहदेव प्रथम ने बनवाया था। यह मंदिर सूर्य देव के रथ का प्रतीक है, जिसमें 24 पहिए और 7 शक्तिशाली घोड़े लगे हैं। इसका निर्माण इस तरह से किया गया है कि सूर्योदय होने पर सूर्य की पहली किरण सीधे मुख्य मंदिर के प्रवेश द्वार को रोशन करती है। मंदिर की दीवारों पर नक्काशीदार पहिए, नक्काशी और मूर्तियां कामुकता से लेकर जीवन तक के अलग-अलग पहलुओं को दर्शाती हैं। यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि खगोलीय विज्ञान और वास्तुकला का अनोखा संगम है।
हम्पी, कर्नाटक

हम्पी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी और आज यह एक विशाल खंडहर शहर के रूप में फैला हुआ है। तुंगभद्रा नदी के किनारे बसे इस स्थल पर कई मंदिर, महल, बाजार और स्मारक हैं जो इसकी भव्य अतीत की गाथा कहते हैं। हम्पी की विशाल चट्टानें और मनोरम नजारा इसे एक अलग ही पहचान देते हैं।
हुमायूं का मकबरा, दिल्ली

दिल्ली में स्थित हुमायूं का मकबरा केवल एक कब्र नहीं, बल्कि भारत में मुगल वास्तुकला की नींव रखने वाला एक अहम स्मारक है। इसका निर्माण 1570 में हुमायूं की पत्नी हमीदा बानो बेगम ने करवाया था। यह चारबाग शैली में बना भारत का पहला उद्यान-मकबरा है। लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बने इस मकबरे की सुंदरता, सिमेट्री और शांत वातावरण पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
अजंता की गुफाएं, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित अजंता की गुफाएं प्राचीन भारतीय कला का सबसे शानदार उदाहरण हैं। ये 29 रॉक-कट बौद्ध गुफा मंदिर हैं, जिनका निर्माण दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 480 ईस्वी के आसपास किया गया था। इन गुफाओं की दीवारों और छतों पर बनी भगवान बुद्ध के जीवन और जातक कथाओं से प्रेरित चित्रकारियां देखते ही बनती हैं।