भारतीय मूल के वैज्ञानिक की अगुवाई में जल्द ही तैयार हो सकता है कोरोना वायरस का वैक्सीन
चीन से वुहान से फैलाना शुरू हुआ खतरनाक कोरोना वायरस महामारी के रूप में दुनिया के लगभग 31 देशों तक पहुंच गया है। ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में इसके मरीजों की पुष्टि हुई है। नए किस्म के वायरस से निपटने के लिए भारतीय मूल के वैज्ञानिक एस एस वासन के नेतृत्व में एक टीम काम कर रही है।
सीएसआईआरओ ने बयान जारी कर बताया कि इस रिसर्च का उद्देश्य कोरोना वायरस को ठीक से समझना है कि ये किस तरह डेवलप होता है और किस तरह सांस की नली पर असर डालता है। ऑस्ट्रेलिया के पशु स्वास्थ्य प्रयोगशाला (एएएचएल) की हाई सेक्योरिटी लैब में इसका परिक्षण चल रहा है।
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कोरोना वायरस का कहर सबसे ज्यादा चीन में देखने को मिला है। दिसंबर से अबतक वायरस 636 लोगों की जान ले चुका है, जबकि 31 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित है। फिलहाल इसके रोकथाम के लिए कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। इससे पहले सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स)की वजह से 2002-03 में चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी।
कोरोना वायरस के लक्षणों में श्वसन संबंधी लक्षण, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं। अधिक गंभीर मामलों में, संक्रमण से निमोनिया, गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम, गुर्दे की विफलता और मृत्यु हो सकती है।चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने इस बात की पुष्टि की है कि कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।