भारतीय के हाथ में Apple के AI विभाग की कमान, अमर सुब्रमण्य को मिली बड़ी जिम्मेदारी

एपल ने भारतीय मूल के रिसर्चर अमर सुब्रमण्य को AI का वाइस प्रेसिडेंट बनाया है। पहले यह पद जॉन गियानंद्रिया के पास था। इनोवेशन में पिछड़ने के बाद एपल ने यह कदम उठाया है। अमर पहले माइक्रोसॉफ्ट में थे और अब एपल में AI से जुड़े महत्वपूर्ण क्षेत्रों का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने गूगल की DeepMind टीम में भी काम किया है।

एपल ने भारतीय मूल के अनुभवी रिसर्चर अमर सुब्रमण्य को AI का वाइस प्रेसिडेंट बनाया है। अमर के पहले यह जिम्मेदारी जॉन गियानंद्रिया संभाल रहे थे। लेकिन हाल ही में खबरें आई थीं कि Apple के CEO टिम कुक का AI हेड जियानंद्रिया की प्रोडक्ट डेवलपमेंट को पूरा करने की क्षमता पर से भरोसा उठ गया है।

तब से ही अटकलें लग रही थीं कि एपल एआई विभाग की कमान किसी और को सौंप सकता है। अब सोमवार को एपल ने अमर सुब्रमण्य को इसके लिए चुना है। अमर अभी तक माइक्रोसॉफ्ट के साथ जुड़े हुए थे, जहां वह AI के कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर काम कर रहे थे।

इनोवेशन में पिछड़ा एपल

दरअसल एपल हमेशा से अपने इनोवेशन के लिए जाना जाता है। लेकिन बीते कुछ साल से एपल के डिवाइस में कैमरा अलाइनमेंट और सॉफ्टवेयर अपग्रेड के अलावा कुछ खास बदलाव नहीं दिख रहा था। जहां एक ओर दूसरी टेक कंपनियां एआई को अपने डिवाइस इंटीग्रेट कर रही हैं, वहीं एपल अपने पुराने सिरी असिस्टेंट के सहारे ही चल रहा है।

एपल का सबसे बड़ा कॉम्पिटिटर सैमसंग भी अपने डिवाइस में AI फीचर्स को रिफ्रेश करने में तेजी से काम कर रहा है। एपल इस रेस में काफी पीछे छूट गया था। ऐसा लगता है कि अब एपल ने इस भूल को सुधारने की ओर कदम बढ़ाया है। अमर सुब्रमण्य एपल फाउंडेशन मॉडल्स, ML रिसर्च जैसे जरूरी एरिया को लीड करेंगे और सॉफ्टवेयर चीफ क्रेग फेडेरिघी को रिपोर्ट करेंगे।

कौन हैं अमर सुब्रमण्य?

अमर सुब्रमण्य भारतीय मूल के हैं। उनके बारे में अभी ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने बैंगलोर यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री पूरी की है। अमर ने 2005 और 2009 के बीच वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से PhD की डिग्री हासिल की।

वह गूगल की DeepMind टीम का भी हिस्सा थे, जो अपने एडवांस्ड एआई काम के लिए जानी जाती है। न्होंने Google में 16 साल बिताए। उन्होंने Gemini असिस्टेंट के लिए इंजीनियरिंग को लीड किया था। इसके बाद वह माइक्रोसॉफ्ट चले गए और अब एपल के साथ जुड़ने जा रहे हैं।

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