भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव ने किया इस्तीफा देने का एलान

मिश्रीलाल यादव ने अपने बेटे के चुनाव लड़ने पर कहा कि उनका बेटा पिछले 10 वर्षों से मुखिया है और अगर ज़रूरत पड़ी तो बेटा भी चुनाव लड़ सकता है। लेकिन किस पार्टी से लड़ेंगे, इसका खुलासा नहीं किया गया है।

जनता दल यूनाइटेड के बाद भारतीय जनता पार्टी को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव ने पार्टी से इस्तीफा देने का एलान कर दिया है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा अब पिछड़ों का सम्मान नहीं करती। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व घमंड में चूर हो गया है। इस बात जनता इन्हें सबक सिखाकर रहेगी। मिश्रीलाल यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अलीनगर में पिछले 30 वर्षों से एनडीए का विधायक नहीं रहा। लेकिन, 2020 में मैंने वहां भाजपा का परचम लहराया। इसके बावजूद पार्टी ने मेरा अपमान किया है। भाजपा में मेरे स्वाभिमान की कोई कद्र नहीं है। मुझे लगातार प्रताड़ित किया गया। अब ऐसे दल में रहना मेरे जैसे स्वाभिमानी व्यक्ति के लिए संभव नहीं है।

मैं चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा भी
उन्होंने यह भी कहा कि वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा पत्र सौंपने जा रहे हैं। मिश्रीलाल यादव ने साफ कर दिया कि वह अलीनगर से चुनाव जरूर लड़ेंगे, चाहे किसी भी दल से लड़ना पड़े। हालांकि उन्होंने अभी तक यह नहीं बताया कि वे किस पार्टी में शामिल होंगे। कहा कि मैं एक सेकुलर सोच रखने वाला व्यक्ति हूं, इसलिए संभव है कि मैं किसी सेकुलर पार्टी में जाऊं। लेकिन फिलहाल यह तय नहीं है कि किस पार्टी से जुड़ूंगा। उन्होंने कहा कि एक बात तय है कि मैं चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा भी।

जेल भी हो गई थी मिश्रीलाल यादव को
बता दें कि दरभंगा के अलीनगर विधानसभा से भाजपा विधायक मिश्रिलाल यादव की विधानसभा की सदस्यता 23 जुलाई को बहाल कर दी गई है। विधायक मिश्रिलाल यादव को दरभंगा के एमपी एमएलए की विशेष न्यायालय ने एक पुराने मारपीट के मामले सुनवाई करते हुए 27 मई को दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद मिश्रीलाल को जेल हो गई थी, जिस वजह से 20 जून को भाजपा विधायक मिश्रिलाल यादव की विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। हालांकि इस मामले में विधायक को हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है, जबकि हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए 18 जुलाई को विधानसभा सदस्यता रद्द करने के मामले को निरस्त कर दिया था।
भाजपा विधायक मिश्रिलाल यादव की विधानसभा सदस्यता फिर से हुई बहाल, कोर्ट ने दो साल की सुनाई थी सजा

2020 में वीआईपी से लड़े थे चुनाव
बता दें कि मिश्रीलाल यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी विकाससील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस समय वीआईपी एनडीए का हिस्सा थी। लेकिन, 2022 में पार्टी टूट गई थी और चार में से तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे, जिनमें मिश्रीलाल यादव भी शामिल थे। इधर, हाल में ही वह राष्ट्रीय जनता दल के कुछ नेताओं के साथ देखे गए थे, लेकिन उन्होंने इन खबरों का खंडन करते हुए कहा था कि मैं बीजेपी में हूं और बीजेपी में ही रहूंगा।

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