भतीजे के उपनयन संस्कार में पहुंचे चाचा की करंट लगने से मौत, एयरफोर्स में थे सार्जेंट; परिजन बेसुध

मुंगेर के जमालपुर प्रखंड के इंदरुख पूर्वी पंचायत में उस समय मातम छा गया जब एक परिवार के उपनयन संस्कार के शुभ अवसर पर दुखद हादसा हो गया। भतीजे के उपनयन संस्कार में शामिल होने आए चाचा और एयरफोर्स में सार्जेंट पद पर कार्यरत अवनीश कुमार की करंट लगने से मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार, अवनीश कुमार वर्तमान में बरेली (उत्तर प्रदेश) में तैनात थे। वे 20 मई को अपने परिवार के साथ अपने पैतृक गांव इंदरुख पहुंचे थे, जहां उनके भतीजे का उपनयन संस्कार होना था। इस अवसर पर तीन दिनों तक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। घर के पीछे पंडाल लगाया गया था, जहां बिजली का पंखा लगाते समय अवनीश करंट की चपेट में आ गए।

हादसे के वक्त परिवार के अन्य सदस्य वहां मौजूद नहीं थे। कुछ देर बाद जब वे अवनीश को ढूंढ़ने लगे तो देखा कि वे जमीन पर अचेत पड़े हुए हैं। परिजन तुरंत उन्हें सफियासराय स्थित एक निजी नर्सिंग होम ले गए, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया। सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस खबर के बाद परिजनों में कोहराम मच गया और गांव में शोक की लहर दौड़ गई।

2005 में हुई थी एयरफोर्स में नियुक्ति, तीन बच्चों के पिता थे अवनीश
37 वर्षीय अवनीश कुमार की नियुक्ति 2005 में भारतीय वायुसेना में हुई थी। दो साल बाद, 2007 में उनकी शादी भागलपुर निवासी सपना से हुई। उन्हें दो बेटियां शांभवी और श्रेया तथा एक दो वर्षीय बेटा है। अवनीश की मौत की खबर सुनकर उनकी बड़ी बेटी शांभवी अपने पिता के शव से लिपटकर बिलखती रही, जिससे वहां मौजूद हर आंख नम हो गई। जब अवनीश का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा तो पूरा गांव शोक में डूब गया।

ग्रामीणों ने बताया कि आज से उपनयन संस्कार का कार्यक्रम शुरू होने वाला था, जिसमें रामायण पाठ का आयोजन भी था। लेकिन इस दुखद हादसे ने पूरे माहौल को गमगीन बना दिया। ग्रामीणों ने बताया कि अवनीश गांव का होनहार युवक था। उनके पिता बमबम सिंह किसान हैं। अवनीश ने जवाहर नवोदय विद्यालय से पढ़ाई की थी और इंटरमीडिएट के बाद उन्हें एयरफोर्स में नौकरी मिल गई थी। वे गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत थे।

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