भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी को लगा बड़ा झटका, बेल्जियम कोर्ट ने खारिज की प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका

बेल्जियम की शीर्ष अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने नई दिल्ली की प्रत्यर्पण के आधार पर अपनी गिरफ्तारी का विरोध किया था। कोर्ट ने एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील्स के फैसले को बरकरार रखा, जिसने पहले चोकसी की दलील को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि उसे भारत में टॉर्चर या न्याय न मिलने का कोई खतरा नहीं है। यह भारत सरकार के लिए एक सकारात्मक कदम है।
बेल्जियम की शीर्ष अदालत ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने नई दिल्ली की प्रत्यर्पण के आधार पर अपनी गिरफ्तारी का विरोध किया था।
बेल्जियम की कोर्ट ऑफ कैसेशन (जो भारत के सुप्रीम कोर्ट के बराबर है) ने मंगलवार को ब्रसेल्स में चोकसी की याचिका पर सुनवाई की और भारत के पक्ष में फैसला सुनाया। अधिकारियों ने बताया कि बेल्जियम की टॉप कोर्ट ने एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील्स के फैसले को बरकरार रखा है, जिसने 17 अक्टूबर को भगोड़े की इस दलील को खारिज कर दिया था कि अगर उसे भारत भेजा गया तो उसे टॉर्चर किए जाने का खतरा है।
भारत सरकार के लिए राहत की बात
मामले से अवगत अधिकारियों ने कहा कि यह भारत सरकार के लिए एक सकारात्मक कदम है और अब चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए बेल्जियम की अदालतों में एक फॉर्मल प्रोसेस शुरू हो सकता है। 65 साल के चोकसी को 11 अप्रैल से भारत के निवेदन पर गिरफ्तार करने के बाद एंटवर्प की जेल में रखा गया है।
भारतीय जांचकर्ताओं ने चोकसी पर 2018 और 2022 के बीच छह बैंक फ्रॉड का आरोप लगाया है, जिसमें कुल मिलाकर लगभग 13,000 करोड़ रुपये की रकम शामिल है।
गिरफ्तारी को चुनौती देने वाला याचिका भी खारिज
अपने 17 अक्टूबर के फैसले में एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील्स ने भारत की प्रत्यर्पण रिक्वेस्ट पर चोकसी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि चोकसी न तो किसी “राजनीतिक मुकदमे” का विषय था और न ही उसे भारत में टॉर्चर या न्याय न मिलने का कोई खतरा था। कोर्ट ने भगोड़े के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि मई 2021 में भारतीय अधिकारियों के कहने पर एंटीगुआ और बारबुडा में उसका अपहरण किया गया था।





