भगवान के वाहन से सीखिए इंसानियत

भगवान के व्यक्तित्व से इंसान बहुत सी बातें सीखता है। लेकिन भगवान के वाहन से भी बहुत कुछ सीख सकते हैं। तो जानते हैं कैसे हम वाहन से भी मार्गदर्शन ले सकते हैं।भगवान के वाहन से सीखिए इंसानियत

मां दुर्गा: मां दुर्गा का वाहन शेर है। शेर को जंगल का राजा कहा जाता है। वह दृढ़ता का प्रतीक माना जाता है। शेर से हम मेहनत का गुण आत्मसात कर सकते हैं। शेर अपने शिकार किए हुए जानवर को खाता है। ठीक इसी तरह इंसान को मेहनत से धन अर्जित करना चाहिए। और फिर उसका उपभोग करना चाहिए।

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श्री गणेश: भगवान श्री गणेश का वाहन चूहा है। वह बुद्धि के देवता हैं। उनका वाहन चूहा अपना हर कार्य तेजी और सोच समझ कर करता है। व्यक्ति को चाहिए कि वह भी अपना कार्य विवेक पूर्वक तेजी से करे। ऐसा करने पर वह जल्द सफलता अर्जित करता है।

कार्तिकेय: भगवान कार्तिकेय जिन्हें मुरुगन भी कहते हैं इंद्र के सेनापति हैं। उनका वाहन मोर है। मोर सुंदरता का प्रतीक है। किसी व्यक्ति को उसे बाहरी ही अपने मन को सुंदर बनाने के प्रयत्न करते रहना चाहिए। यदि मन सुंदर होगा, तो विचार भी सुंदर होगा। और फिर आपका चेहरा स्वयं कांतिमय हो जाएगा।

देवी सरस्वती: विद्या की देवी हंस है। हंस का रंग सफेद हैं। सफेद रंग शांति का प्रतीक है। हंस से सीखने वाली बात यह है कि विषम परिस्थितियों में हम शांत रहें और सही समय का धैर्य से इंतजार करें। क्योंकि सही समय पर की गई बात ही सार्थक होती है।

देवी लक्ष्मी : देवी लक्ष्मी का वाहन उल्लू है। उल्लू रात में भी देख दूर-दूर तक देख सकता है। इसलिए उल्लू की तरह दूरदृष्टि अपनाना चाहिए। जो व्यक्ति भविष्य का लक्ष्य बनाकर वर्तमान में जीता है वही जीवन में उन्नति के नए सोपान अर्जित करता है।

भगवान कल्कि: भगवान कल्कि का वाहन घोड़ा है। घोड़ा गति का प्रतीक है। घोडे से यह सीख ली जा सकती है कि जीवन में गति बनाएं रखें। क्योंकि कहते हैं कि जो थम गया वो रुक गया। और रुकना जिंदगी नहीं।

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