बड़ी खबर : अब यूपी में कांग्रेस लेगी ‘सुल्तान’ की शरण

लखनऊ: यूपी के कांगेसी विधायक लगातार हो रही अपनी हार को इस बार यूपी की जीत में बदलने का हर संभव प्रयास करने में लगी है.ऐसे में सपा में बाप-बेटे के बीच चल रही उथल पुथल में यूपी के कांगेसी विधायकों ने सीएम अखिलेश यादव का साथ देने का मन बना लिया है.

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हालांकि दिल्ली के कांग्रेसी विधायकों ने सपा के इस टकराव को ड्रामा सीरियल बताया है.

यूपी में कांग्रेस के अधिकतर विधायकों का कहना है कि सीएम अखिलेश यादव काफी पॉपुलर हैं, उनकी छवि साफ है. वक़त आने पर हम उनके साथ ज़रूर जाएंगे.

ऐसे में यह बात साफ है कि कांग्रेस अपनी जीत के लिए अखिलेश यादव के साथ गठबंधन कर सकती है.

द इंडियन एक्सप्रेस ने कांग्रेस के कई विधायकों से इस संबंध में बात की.

कौशल किशोर सिंह मुन्ना (नौतनवा): कौशल किशोर ने तो खुल के अखिलेश यादव का समर्थन किया उन्होंने कहा “अखिलेश और कांग्रेस दोनों का ही लक्ष्य एक ही है”.क्या आपने बटवारा फिल्म देखी है? विनोद खन्ना और धर्मेंद्र हीरो थे.जब वो एक साथ आए तभी दुश्मनों को हरा पाए थे.

विवेक कुमार सिंह (बांदा): विवेक ने कहा समाजवादी पार्टी का मतलब अब अखिलेश यादव हैं, अगर अखिलेश, कांग्रेस और रालोद एक साथ चुनाव लड़ते हैं तो देखना बीजेपी की हार निश्चित है.

कांग्रेस के पास 10-11 फीसदी वोट हैं

गजराज सिंह (हापुड़): गजराज ने बताया कि अखिलेश यादव के साथ गठबंधन होना चाहिए.

मुझे लगता है अगर सभी धर्म निरपेक्ष ताकत एक साथ आए तभी देश को बचाया जा सकता है.

ललितेश पति त्रिपाठी (मरिहन): ललितेश ने कहा कि अखिलेश अपने विधायकों की सुनते हैं ऐसे में कौन उनके साथ नहीं आना चाहेगा.

अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो यह सबसे अच्छा रहेगा.लेकिन दूसरा विकल्प अखिलेश भी हैं.

अजय कपूर (किदवई नगर): अजय कपूर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को शत-प्रतिशत गठबंधन करना चाहिए, क्योंकि अखिलेश यादव यूपी का सबसे बड़ा चेहरा हैं और वही सरकार बनाएंगे.

उनकी छवि साफ है.

राधे श्याम कन्नौजिया (जगदीशपुर): राधे श्याम कन्नौजिया ने कहा कि मेरा विचार है कि गठबंधन करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है.

उमाकांति सिंह ( कालपी ): गठबंधन होना चाहिए… यह दोनों पार्टियों के लिए फायदेमंद होगा… सांप्रदायिक पार्टियों से लड़ने के लिए.

बिहार में भी यह सफल रहा था और यहां भी रहेगा.

पंकज कुमार मलिक (शामली): सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए धर्म निरपेक्ष पार्टियों को एक साथ आने की जरूरत है.

बिहार में भी ऐसा ही हुआ था.

अजय राय (पिंडरा): सपा में पड़ी फूट कांग्रेस के लिए फायदेमंद होगी, क्योंकि सपा के वोट टूटेंगे और कांग्रेस की झोली में गिरेंगे कांग्रेस को अकेले चुनाव लड़ना चाहिए.

आराधना मिश्रा (रामपुर खास): यह फैसला हमारे वरिष्ठ नेताओं ने लिया है कि हम किसी से भी

गठबंधन नहीं करने वाले.

अखिलेश प्रताप सिंह (रुद्रपुर): मेरा कोई विचार नहीं है.

मुझे सिर्फ अपना पता है.

चाहे गठबंधन हो या ना हो लेकिन मेरी जीत पक्की है.

यूपी के कांगेसी विधायक ने यह भी कहा

CLP नेता प्रदीप माथुर (मथुरा): अभी तक पार्टी का फैसला अकेले चुनाव लड़ने का रहा है.

परिस्थितियों के हिसाब से फैसला लिया जाएगा.

गयादीन अनुरागी (राठ), अजय कुमार (तमकुही) और अनुराग नारायण सिंह (इलाहाबाद) ने कहा कि जो भी पार्टी फैसले लेगी उसी में खुश रहेंगे।

दो और विधायकों ने गठबंधन की बात मानी लेकिन नाम बताने से इंकार किया।

 

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