बड़ा खुलासा: प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में सामने आया बड़ा घोटाला…

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत हरिद्वार जिले में चल रहे स्किल सेंटरों के संचालकों के दावे के अनुसार प्रशिक्षणार्थियों की संख्या और सुविधाएं एक चौथाई भी नहीं मिली है। इससे भी सबसे बड़ी बात तो यह सामने आई है कि एक सेंटर जो धरातल पर ही नहीं है, फाइलों में उसमें तीन बैच संचालित होते पाए गए और उसे प्रथम किस्त के 42 लाख रुपये की भारी भरकम धनराशि भी जारी कर दी गई है। अन्य सेंटरों के निरीक्षण में भी भारी अनियमितता सामने आई है। सूत्रों की मानें तो अनियमितता मिलने के बावजूद  स्किल सेंटरों को दूसरी किस्त भी जारी करने  की तैयारी विभाग ने कर ली है।

       

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत संचालित प्रशिक्षण सेंटरों की अनियमितता सामने आने पर मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) विनीत तोमर  ने संबंधित तहसील के एसडीएम को प्रभारी नियुक्त करते हुए स्किल सेंटरों की जांच कराई। जांच में जिला सेवायोजन विभाग के अधिकारियों को भी शामिल किया गया। पिछले महीने सीडीओ के निर्देश पर हुई जांच में जिन बिंदुओं को देख गया उनमें एक भी सेंटर मानकों पर खरा नहीं उतर सका। किसी भी सेंटर पर उनके दावे और फाइल में भरी गई प्रशिक्षणार्थियों की संख्या आधी तो क्या एक चौथाई तक भी नहीं मिल सकी। जबकि सेंटरों को संचालकों के दावे के अनुसार ही पहली किश्त की 30 प्रतिशत धनराशि जारी कर दी गई है। अब इन सभी सेंटरों के अनुसार दी गई रिपोर्ट पर कौशल विकास विभाग की ओर से दूसरी किश्त यानि शेष 50 प्रतिशत धनराशि आवंटित की जानी है लेकिन यर्दि  जांच रिपोर्ट को विभाग ने माना तो सेंटरों की धनराधि आवंटित नहीं हो सकेगी।        

धरातल नहीं मिला सेंटर और 42 लाख हो चुके हैं जारी        

बहादराबाद ब्लाक में ग्राम अलीपुर इब्राहिमपुर स्थित जी एंड जी स्किल डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड धरातल पर नहीं मिला। सेंटर के बारे में ग्राम प्रधान से लेकर अन्य जागरूक युवाओं से जानकारी ली, लेकिन कोई भी सेंटर संबंधित जानकारी नहीं दे सका। जबकि रिकार्ड में सेंटर पर तीन बैच चल रहे थे और उनके अनुसार 30 प्रतिशत धनराशि के 42 लाख रुपये की प्रथम किश्त आवंटित हो चुकी थी। अब सवाल उठ रहा है कि बिना सेंटर के 42 लाख रुपये जारी कैसे कर दिए। सूत्रों की माने तो इस सेंटर को अगली किश्त 50 प्रतिशत जारी होने वाली है।        

आर्यनगर चौक स्थित गैलेक्सी कंप्यूटर सेंटर        
सेंटर संचालक के अनुसार बताई गई छात्रों की संख्या बहुत कम मिली। बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं मिली। चौथाई भी प्रशिक्षणार्थी सेंटर पर नहीं मिल सके। विकलांग बच्चों के लिए कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं मिली। साथ ही उपकरण भी पूरे नहीं थे।       
        
लालढांग स्थित स्किल प्रो ट्रेनिंग लर्निंग सेंटर        
बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं मिली। वहां एक भी प्रशिक्षणार्थी नहीं मिला। सेंटर संचालक ने दावा कि इस समय अवकाश चल रहा है। इसके अलावा सेेेंटर पर उपकरण के अलावा अनुदेशक भी नहीं मिले।        

लक्सर स्थित भव्य स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट       

प्रशिक्षणार्थी भी नहीं मिले और ट्रेनिंग सेंटर पर संचालित उपक्रमों के अनुसार उपकरण भी नहीं मिले। प्रशिक्षण लेने के बारे में सबूत मांगा तो उसके संदर्भ में भी रिकार्डिंग तक नहीं मिल सकी।        
  
शेखपुरी मंगलौर स्थित रामा स्किल डेवलपमेंट        
सेंटर पर दर्ज प्रशिक्षणार्थियों में से एक भी सेंटर पर नहीं मिला। लाइब्रेरी के नाम पर कोई पुस्तक नहीं थी। विकलांगों के लिए कोई सुविधा नहीं मिली। अभ्यर्थियों से संपर्क कराने को कहा तो वह भी नहीं कराया।        

खानपुर क्षेत्र में दयालपुर स्थित रूट एजूकेशन फोरम दयालपुर        
छात्रों की उपस्थिति का रजिस्टर तक नहीं मिला और अनुदेशक भी नहीं थे। इसके अलावा किसी प्रकार के पद का कोई भी कर्मचारी तक नहीं मिल सका। बायोमीट्रिक उपस्थिति के नाम पर कोई उपकरण नहीं लगा हुआ था।        
 
शिव बाबा एजूकेशनल रुड़की पर नहीं मिला रिकार्ड        
शिव बाबा एजूकेशनल सोशल वेलफेयर एंड चैरिटेबल सोसायटी, ज्ञान ज्योति ट्रस्ट एनएच-58 मोहम्मदपुर रुड़की पर छात्रों की संख्या का रिकार्ड नहीं दे सके। बायोमीट्रिक उपस्थिति नहीं थी। उपकरणों के साथ प्रोजेक्टर तक नहीं था।        

शासन के निर्देश पर हरिद्वार के कुछ सेंटरों की जांच कराई और जिन बिंदुओं पर जांच की, वे किसी सेंटर पर पूरे नहीं मिले। सबसे मुख्य बात प्रशिक्षणार्थियों की संख्या किसी भी सेंटर पर रिकार्ड के अनुसार नहीं मिली। जो सेंटर संबंधित गांव में नहीं मिला उसके बारे में पूरी जानकारी शासन को भेज दी गई और अन्य जानकारी भी जुटाई जा रही है।        

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