ब्लूस्मार्ट वाले जग्गी ब्रदर्स की कंपनी होगी दिवालिया

हजारों करोड़ रुपए की हेराफेरी करने वाले ब्लूस्मार्ट टैक्सी के जग्गी ब्रदर्स (BluSmart Jaggi brothers) अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी के ऊपर कानूनी शिकंजा कसने लगा है। उनकी फ्लैगशिप कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की याचिका को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मंजूरी मिल गई है। इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (इरेडा) ने अपने 510 करोड़ रुपए कर्ज की वसूली (IREDA loan recovery) के लिए NCLT की अहमदाबाद बेंच में यह याचिका दायर की थी।
IREDA ने अपनी याचिका में दावा किया था कि जेनसोल इंजीनियरिंग ने पांच अलग-अलग लोन फैसिलिटीज (कुल ₹863.30 करोड़) के तहत दिए गए लोन का भुगतान नहीं किया है। इनमें इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) फ्लीट लीजिंग और सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए लिए गए लोन शामिल हैं। IREDA ने कहा कि कंपनी ने 31 मार्च, 19 अप्रैल और 12 मई 2025 को किस्तों का भुगतान नहीं किया, जिसके बाद उसने डिमांड नोटिस जारी किए।
वहीं, जेनसोल इंजीनियरिंग ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि डिफॉल्ट का दावा साबित नहीं होता। कंपनी ने अपनी वित्तीय स्थिरता का हवाला देते हुए कहा था कि उसका राजस्व और लाभ पिछले वर्षों में बढ़ा है।
हालांकि, ट्रिब्यूनल (NCLT IREDA case) ने इन तर्कों को खारिज कर दिया। जस्टिस शम्मी खान और टेक्निकल मेंबर संजीव कुमार शर्मा वाली NCLT की खंडपीठ ने कहा कि IREDA ने लोन और डिफॉल्ट के जो सबूत पेश किए हैं, वो IBC की धारा 7 की शर्तों को पूरा करते हैं।
हालांकि, ट्रिब्यूनल ने IREDA की ओर से प्रस्तावित रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) पुलकित गुप्ता की नियुक्ति से इनकार कर दिया, क्योंकि उनके और जेनसोल के बीच पूर्व संबंधों को लेकर हितों के टकराव की आशंका थी। इसके बजाय, IBBI पैनल से केशव खानेजा को नया IRP नियुक्त किया गया।
कंपनी की संपत्ति बेचने या ट्रांसफर करने पर लगा प्रतिबंध
NCLT ने धारा 14 के तहत मोरेटोरियम भी लागू कर दिया है। इसके तहत जेनसोल इंजीनियरिंग की संपत्ति को किसी भी तरह से ट्रांसफर या बेचने पर रोक लगा दी गई है।
अब IRP केशव खानेजा कंपनी के संचालन को संभालेंगे और दावेदारों से दावे आमंत्रित करेंगे। इसके साथ ही, कंपनी की वित्तीय स्थिति का आकलन करने और संभावित रेजोल्यूशन प्लान तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होगी।