ब्लड शुगर कंट्रोल करना हो, तो क्या है ज्यादा असरदार?

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना एक बड़ा चैलेंज बन गया है। ऐसे में, लोग अक्सर सोचते हैं कि फिट रहने और शुगर को कंट्रोल करने के लिए योग बेहतर है या वॉकिंग आइए, आज आपको इस सवाल का जवाब देते हैं और बताते हैं कि कौन-सा तरीका आपके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।

वॉकिंग
पैदल चलना एक ऐसी एक्सरसाइज है जिसे कोई भी, कहीं भी और कभी भी कर सकता है। जी हां, इसके लिए किसी खास टूल या जगह की जरूरत नहीं होती। ब्लड शुगर कंट्रोल के लिए वॉकिंग के कई फायदे हैं:

तेज असर: खाना खाने के बाद 10-15 मिनट की हल्की वॉक भी ब्लड शुगर को बढ़ने से रोक सकती है। यह मांसपेशियों को ग्लूकोज का इस्तेमाल करने में मदद करती है, जिससे शुगर का स्तर नीचे आता है।

वेट लॉस: नियमित वॉकिंग कैलोरी बर्न करती है और वजन कम करने में मदद करती है, जो सीधे तौर पर इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाता है।

स्ट्रेस से राहत: वॉकिंग से एंडोर्फिन रिलीज होते हैं, जो तनाव को कम करते हैं। तनाव भी ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है, इसलिए इसे कम करना फायदेमंद है।

हेल्दी हार्ट: यह दिल को हेल्दी रखती है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखती है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत जरूरी है।

यह सिर्फ वॉकिंग काफी है?
वॉकिंग शरीर के ऊपरी हिस्से पर ज्यादा काम नहीं करती और फ्लैक्सिबिलिटी या ताकत बढ़ाने में बहुत ज्यादा मददगार नहीं होती।

योग
योग सिर्फ शारीरिक आसन नहीं है, बल्कि यह प्राणायाम, ध्यान और रिलैक्सेशन का भी एक पूरा पैकेज है। ब्लड शुगर कंट्रोल में योग कैसे मदद करता है, आइए जानते हैं:

स्ट्रेस मैनेजमेंट: योग स्ट्रेस हार्मोन (जैसे कोर्टिसोल) को कम करने में बेहद असरदार है, जो सीधे तौर पर ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित करते हैं। तनाव कम होने से शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है।

पैनक्रियाज की फंक्शनिंग: कुछ योगासन पेट के अंगों, खासकर पैनक्रियाज को एक्टिव करते हैं। पैनक्रियाज ही इंसुलिन बनाता है, इसलिए इसकी बेहतर फंक्शनिंग शुगर कंट्रोल में मदद करती है।

मसल्स की ताकत और फ्लैक्सिबिलिटी: योग मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और शरीर की फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ाता है। मजबूत मांसपेशियां ग्लूकोज का बेहतर इस्तेमाल करती हैं।

मानसिक शांति: योग एकाग्रता और मानसिक शांति दिलाता है, जिससे आप अपनी सेहत का बेहतर ध्यान रख पाते हैं।

ओवरऑल हेल्थ: यह पाचन, नींद और ब्लड सर्कुलेशन को भी सुधारता है, जो डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए जरूरी हैं।

क्या इसमें कुछ कमी है?
ध्यान देने वाली बात है कि योग से तुरंत उतनी कैलोरी बर्न नहीं होतीं, जितनी तेज वॉकिंग से होती हैं। इसके अलावा, इसे सीखने के लिए थोड़ी ज्यादा मेहनत और सही गाइडेंस की जरूरत हो सकती है।

क्या है ज्यादा असरदार?
दोनों ही ब्लड शुगर कंट्रोल के लिए बेहतरीन हैं, लेकिन उनके काम करने का तरीका थोड़ा अलग है:

अगर आप तुरंत और आसानी से ब्लड शुगर को मैनेज करना चाहते हैं, तो वॉकिंग एक शानदार शुरुआती विकल्प है। खाने के बाद थोड़ी देर की वॉक बहुत फायदेमंद होती है।

अगर आप एक ज्यादा होलेस्टिक और लॉन्ग-टर्म समाधान चाहते हैं जो स्ट्रेस, मांसपेशियों की ताकत और मानसिक शांति पर भी काम करे, तो योग ज्यादा असरदार साबित हो सकता है।

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