ब्रेन कैंसर मरीजों के लिए आई नई उपचार तकनीक

अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन के बाद कीमोथैरेपी की उच्च खुराक और वैक्सीन के मिश्रण से ब्रेन कैंसर के मरीजों के इलाज को लेकर दावा किया है।ग्लिओब्लास्टोमा (जीबीएम) से पीडि़त 11 मरीजों को लेकर किए गए इस अध्ययन के मुताबिक कीमोथैरेपी की खुराक से ब्रेन कैंसर के पीडि़त मरीजों के जीवित बचने की दर को बढ़ाया जा सकता है। अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है। इन्होंने ग्लिओब्लास्टोमा (जीबीएम) से पीडि़त 11 मरीजों का अध्ययन किया था।

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ग्लिओब्लास्टोमा ब्रेन कैंसर का आक्रामक रूप है जिसकी शुरुआत ब्रेन में होती है। इन मरीजों को एक वैक्सीन दी गई थी जिसे च्साइटोमेगालोवायरस (सीएमवी) एंटीजन पीपी65 पर लक्षित किया गया था। इसके साथ उन्हें टेमोजोलामाइड नामक कीमोथैरेपी ड्रग की उच्च खुराक दी गई थी।

इस उपचार के बाद जीबीएम मरीजों के एक छोटे ग्रुप में जीवित बचने की दर में वृद्धि हुई। ड्यूक यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता क्रिस्टन बेटिश का कहना है कि इस मिश्रित उपचार के बाद जीबीएम मरीजों के क्लिनिकल नतीजे बहुत चौंकाने वाले थे। इन मरीजों में 25.3 महीने तक बीमारी आगे नहीं बढ़ी। तीन मरीजों में बीमारी के निदान के बाद करीब सात साल तक बीमारी आगे नहीं बढ़ी। कुल मिला कर इन मरीजों की सर्वाइवल दर 41.1 महीने रही।

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