बॉलीवुड ही नहीं देश तक छोड़ दिया ये टॉप पर रही रहस्मयी एक्ट्रेस
मुंबई। मीनाक्षी 18 साल की उम्र में फ़िल्मों में आईं और सुपरहिट हीरोइन बन गईं। 15 साल तक सिल्वर स्क्रीन इस ‘दामिनी’ की दमक से चकाचौंध रहा, मगर साल 1996 में अचानक उनकी लाइफ में कोई आया और ये चेहरा फ़िल्मी दुनिया से गायब हो गया। 16 नवंबर को मीनाक्षी का जन्मदिन होता है। इस साल मीनाक्षी अपना 55 वां बर्थडे मना रही हैं!
ग्लैमर का रंग कुछ ऐसा होता है कि एक बार आप इसमें रंग जाएं तो फिर बड़ी ही मुश्किल से यह आपके मिजाज़ से उतरता है। ज़रा सोचिये, उस एक्ट्रेस के बारे में जिसका कभी जलवा रहा हो, हर तरफ जिसके चर्चे रहे हों, सभी सुपरस्टार्स जिसके साथ काम करना चाहते हों और जो अपने समय पे बिल्कुल टॉप पर रही हो, एक दिन कैसे सबसे खुद को काट कर बॉलीवुड ही नहीं देश तक छोड़ देती है तो यह कोई रहस्य ही तो है! हम बात कर रहे हैं अपने दौर की ज़बरदस्त एक्ट्रेस मीनाक्षी शेषाद्री की।
मीनाक्षी एक बेहतरीन अभिनेत्री होने के साथ-साथ एक बेहतरीन डांसर भी थीं। उनकी एक्टिंग में उनका डांस सबसे मजबूत पक्ष रहा जो हर फ़िल्म के जरिए और निखरकर सामने आता था। उनकी गिनती बॉलीवुड की बेहतरीन क्लासिकल डांस करने वाली एक्ट्रेसेस में की जाती थी। उन्होंने लगभग हर बड़े प्रोड्यूसर- डायरेक्टर के साथ काम किया जबकि अमिताभ बच्चन से लेकर विनोद खन्ना, ऋषि कपूर, अनिल कपूर जैसे बड़े स्टार्स उनके हीरो रहे।
मीनाक्षी जब 17 साल की थी तभी वह मिस इंडिया चुनी गयीं थीं। तब उनका नाम था शशिकला शेषाद्री। किसी समाचारपत्र में छपी उनके चेहरे पर जब मनोज कुमार की नज़र पड़ी तभी उन्होंने तय कर लिया कि उनकी फ़िल्म ‘पेंटर बाबू’ की हीरोइन वही होंगी और बिना स्क्रीन टेस्ट के मीनाक्षी का फ़िल्मी सफ़र शुरू हो गया। बस एक अड़चन जो था वो था शशिकला का नाम क्योंकि इस नाम की एक हीरोइन पहले से ही हिंदी फ़िल्मों में मौजूद थीं तब तय हुआ कि शशिकला को बॉलीवुड की दुनिया मीनाक्षी शेषाद्री के नाम से जानेगी।
‘पेंटर बाबू’ बुरी तरह फ्लॉप रही और इस बात से मीनाक्षी का हिंदी सिनेमा से मोहभंग हो गया। वो बॉलीवुड छोड़ने का मन बना चुकी थीं लेकिन, तभी शोमैन सुभाष घई फ़िल्म ‘हीरो’ के लिए हीरोईन की तलाश में जुटे थे और उनकी ये तलाश मीनाक्षी पर आकर ठहर गई। लेकिन, मीनाक्षी तैयार नहीं थीं। सुभाष घई ने बड़ी मिन्नत की तब जाकर वो कहीं राजी हुईं और साल 1983 में रिलीज़ हुई ‘हीरो’ ब्लॉकबस्टर साबित हुई। मीनाक्षी शेषाद्री रातों-रात स्टार बन गई। कामयाबी का पैमाना ये था कि 32 साल पहले फ़िल्म ‘हीरो’ ने बॉक्सऑफिस पर 13 करोड़ से ज्यादा की कमाई की। उस दौर में सिर्फ अमिताभ बच्चन की फ़िल्में ही इतनी कमाई कर पाती थीं।
अमिताभ बच्चन के साथ मीनाक्षी को काम करने का मौका दिया टीनू आनंद ने, वो फ़िल्म थी ‘शंहशाह’। इस फ़िल्म में अमिताभ और मीनाक्षी की जोड़ी पर्दे पर सुपरहिट रही। उस दौर में अमिताभ के लिए मीनाक्षी की दीवानगी किसी से छिपी नहीं थी। ‘शहंशाह’ के बाद दोनों ने ‘गंगा जमुना सरस्वती’, ‘तूफान’ और ‘अकेला’ जैसी फ़िल्में भी साथ-साथ की। अमिताभ के साथ ने मीनाक्षी का कैरियर चमका दिया। 80 के दशक में श्रीदेवी के स्टारडम को टक्कर देने वाली मीनाक्षी अकेली हीरोइन बन गयीं।
स्टारडम के उस दौर में मीनाक्षी एक डायरेक्टर की दीवानगी से डरने लगी थीं। 22 जून 1990 को फ़िल्मी पर्दे पर आई मीनाक्षी की फ़िल्म ‘घायल’। कहा जाता है ‘घायल’ के दौरान फ़िल्म के डायरेक्टर राजकुमार संतोषी को अपनी हीरोइन मीनाक्षी से इश्क हो गया था। राजकुमार संतोषी कई फ़िल्मों में मीनाक्षी को ही बतौर हीरोइन साइन कर चुके थे! मीनाक्षी को लगातार फ़िल्में ऑफर करने का राज तब खुला जब संतोषी ने एक दिन अपने इश्क का इज़हार कर दिया।
मीनाक्षी ने राजकुमार संतोषी की मुहब्बत को कुबूल नहीं किया लेकिन, उनकी फ़िल्मों में काम करना जारी रखा। ‘घायल’ के बाद ‘दामिनी’ मीनाक्षी के कैरियर की सबसे अहम फ़िल्म साबित हुई। ‘दामिनी’ के दमदार किरदार से मीनाक्षी ने माधुरी दीक्षित के स्टारडम को भी चुनौती दे दी थी। ‘दामिनी’ के लिए मीनाक्षी को फ़िल्मफेयर अवॉर्ड्स में बेस्ट हीरोइन के लिए नॉमिनेट किया गया। इस वक्त तक मीनाक्षी अपने करियर के टॉप पर थी लेकिन, एक फैसला उनके लिए घातक साबित होने वाला था।
साल 1996 में आई फ़िल्म ‘घातक’ मीनाक्षी की आखिरी यादगार फ़िल्म थी। इसी फ़िल्म के दौरान मीनाक्षी को पहली बार प्यार हुआ। एक पार्टी में एक सहेली ने मीनाक्षी को किसी से मिलवाया। वो अजनबी मीनाक्षी का सबसे जिगरी बन गया और मीनाक्षी फ़िल्मी चकाचौंध से दूर चली गईं। मीनाक्षी ने फ़िल्में करनी छोड़ दी। साल 1996 तक मीनाक्षी का बॉलीवुड से मोहभंग होने लगा था। उस दौर में मीनाक्षी के इंटरव्यू इस बात की तस्दीक करते हैं।बतौर हीरोइन मीनाक्षी को गॉसिप्स और लिंकअप की ख़बरों से उलझन होने लगी थी। वो अपनी इमेज को लेकर वो बहुत ज्यादा फिक्रमंद हो चली थीं।
दरअसल खुद को दूसरी हीरोइन से बिल्कुल अलग बताने वाली मीनाक्षी एक सच छिपाने की मशक्कत कर रही थीं। वो सच था मीनाक्षी की शादीशुदा ज़िंदगी का। साल 1995 में ही मीनाक्षी ने अमेरिका में रहने वाले इनवेस्टमेंट बैंकर हरीश मैसूर से गुपचुप तरीके से शादी कर ली थी। मीनाक्षी की शादी का सस्पेंस ऐसा था कि कहा जाता है कि उनके परिवार के लोगों को भी इसकी जानकारी बाद में हुई। हरीश से शादी के बाद भी मीनाक्षी फ़िल्में करती रहीं लेकिन, लिंकअप की ख़बरों से परेशान भी होती रहीं! ‘दो राहें’ मीनाक्षी की आखिरी फ़िल्म थी जो रिलीज़ नहीं हो पाई।
शादी की ख़बर सबको मालूम हो जाने के बाद मीनाक्षी ने अमेरिका में बसने का फैसला कर लिया। मीनाक्षी मुंबई छोड़ टेक्सास चली गईं और फिर कभी फ़िल्मी दुनिया की तरफ मुड़ कर नहीं देखा। तमिल परिवार की मीनाक्षी धनबाद के सिंदरी में पैदा हुई, दिल्ली में पली-बढ़ी, मुंबई में काम किया और शादी के बाद अमेरिका चली गईं।अमेरिका में भी मीनाक्षी ने डांस के अपने शौक को नहीं छोड़ा। बचपन से क्लासिकल डांसर मीनाक्षी ने अमेरिका के टेक्सास में डांस ट्रेनिंग स्कूल खोला लिया है और वो वहां के तमाम भारतीयों के बीच काफी पॉपुलर हैं!