मुलायम सिंह यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई में 22 नवम्बर, 1939 को हुआ था। इनके पिता का नाम सुघर सिंह और माता का नाम मूर्ति देवी है। मुलायम सिंह ने आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (एम.ए) एवं जैन इन्टर कालेज करहल (मैनपुरी) से बी0 टी0 सी की शिक्षा हासिल की अाैर फिर एक इन्टर कालेज में अध्यापन कार्य शुरू किया।
कहते हैं मुलायम सिंह का राजनीतिक सितारा जब बुलंदियों पर था तो साधना गुप्ता उनकी जिंदगी में आई थी। दोनों की मुलाकात 1982 मेंं उस दौरान हुई जब मुलायम लोकदल के अध्यक्ष बने थे। उस वक्त साधना पार्टी में महज एक कार्यकर्ता के बतौर काम कर रही थी। बेहद खूबसूरत और तीखे नैन-नक्श वाली साधना पर जब मुलायम की नजर पड़ी तो वह भी बस उन्हें देखते रह गए। अपनी उम्र से 20 साल छोटी साधना को पहली ही नजर में मुलायम दिल दे बैठे थे। मुलायम पहले से ही शादीशुदा थे और साधना भी। साधना की शादी फर्रुखाबाद के छोटे से व्यापारी चुंद्रप्रकाश गुप्ता से हुई थी लेकिन बाद में वह उनसे अलग हो गईं। इसके बाद शुरू हुई मुलायम और साधना की अनोखी प्रेम कहानी।
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80 के दशक में साधना और मुलायम की प्रेम कहानी की भनक अमर सिंह के अलावा और किसी को नहीं थी। इसी दौरान 1988 में साधना ने एक पुत्र प्रतीक को जन्म दिया। कहते हैं कि साधना गुप्ता के साथ प्रेम संबंध की भनक मुलायम की पहली पत्नी और अखिलेश की मां मालती देवी को लग गई। मालती देवी के निधन के बाद साधना ने मुलायम पर उन्हें अपनी आधिकारिक पत्नी घोषित करने का दबाव बनाया, लेकिन पारिवारिक ख़ासकर अखिलेश यादव के चलते मुलायम इस रिश्ते को नाम देने से पीछे हट गए।
नब्बे के दशक में जब मुलायम मुख्यमंत्री बने तो धीरे-धीरे बात फैलने लगी कि उनकी दो पत्नियां हैं लेकिन किसी की मुंह खोलने की हिम्मत ही नहीं पड़ती थी। इसके बाद 90 के दशक के अंतिम दौर में अखिलेश को साधना गुप्ता और प्रतीक गुप्ता के बारे में पता चला। कहते हैं कि उस समय मुलायम साधना गुप्ता की हर बात मानते थे।