बुधवार के दिन बन रहे हैं कई शुभ-अशुभ योग, पंचांग से जानें मुहूर्त

आज यानी बुधवार 07 मई को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की दशमी और एकादशी तिथि है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। एस्ट्रोपत्री डॉटकॉम के पंडित आनंद सागर पाठक के अनुसार दशमी तिथि के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। आइए पढ़ते हैं आज का पंचांग।

आज यानी 07 मई को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की दशमी और एकादशी तिथि है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश और बुध देव की पूजा की जा रही है। साधक बुधवार के दिन मनचाहा वरदान पाने के लिए व्रत भी रखते हैं।

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की दशमी और एकादशी तिथि पर कई शुभ (Today Puja Time) संयोग बन रहे हैं। ऐसे में आइए एस्ट्रोपत्री डॉटकॉम के पंडित आनंद सागर पाठक से जानते हैं आज का (Aaj ka Panchang 07 May 2025) पंचांग।

आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 7 May 2025)
तिथि- दशमी तिथि सुबह 10 बजकर 19 मिनट तक
तिथि- एकादशी तिथि सुबह 10 बजकर 19 मिनट से शुरू
योग- व्याघात 08 मई को देर रात 01 बजकर 05 मिनट तक
करण- गर सुबह 10 बजकर 19 मिनट तक
वणिज- रात 11 बजकर 21 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 35 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 07 बजे
चंद्रोदय – दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर
चन्द्रास्त – 08 मई को रात 03 बजकर 04 मिनट पर

वार – बुधवार

शुभ समय (Today Shubh Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 04 बजकर 10 मिनट से 04 बजकर 52 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 59 मिनट से शाम 07 बजकर 20 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात 11 बजकर 56 मिनट से रात 12 बजकर 39 मिनट तक

अशुभ समय
राहु काल – दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से 01 बजकर 58 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 10 बजकर 37 मिनट से 12 बजकर 18 मिनट तक
यमगंडा- सुबह 07 बजकर 31 मिनट से 08 बजकर 57 मिनट तक

आज के नक्षत्र
आज चंद्रदेव पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जा रहे हैं।
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र- शाम 06 बजकर 17 मिनट तक

स्वामी ग्रह- शुक्र
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र – 07 मई शाम 06 बजकर 17 मिनट से।
ग्रह स्वामी- सूर्य देव
सामान्य स्वभाव: बातचीत में विनम्र, स्वभाव से उदार, घूमने की आदत
प्रतीक: झूलता झूला – आराम और पुनर्स्थापन, पलंग के अगले पैर या एक खंभा
पशु प्रतीक: मादा चूहा
ग्रह स्वामी: शुक्र
स्वभाव: मनुष्य प्रकृति
अधिष्ठाता देवता: भग – आनंद रूपी सूर्य

शुभ योग
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की दशमी एवं एकादशी तिथि पर रवि योग का संयोग बन रहा है। रवि योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी। साथ ही घर-परिवार में सुख-समृद्धि एवं खुशहाली आएगी।

गणेश मंत्र
ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।
ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥
दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥
ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्॥

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