बीजेपी विधायक संजय पाठक की माइनिंग कंपनी से होगी 443 करोड़ की वसूली

मार्च 2025 में शिकायतकर्ता आशुतोष मनु दीक्षित ने EOW में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद 23 अप्रैल को एक जांच टीम गठित की गई। 6 जून को जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी गई, जिसमें तीनों कंपनियों पर कुल 443 करोड़ रुपये की वसूली का आकलन किया गया।
मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने अपनी ही पार्टी के विधायक पर अवैध उत्खनन के मामले में 443 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा के प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेसी विधायकों के सवालों के जवाब में यह जानकारी लिखित रूप में दी।
यह मामला कटनी जिले के विजयराघवगढ़ से भाजपा विधायक संजय पाठक से जुड़ी खदानों का है। आरोप है कि जबलपुर के सिहोरा में निर्मला मिनरल्स, आनंद माइनिंग और पेसिफिक एक्सपोर्ट नाम से संचालित उनकी तीन खदानों में स्वीकृत सीमा से अधिक अवैध उत्खनन किया गया।
शिकायत और जांच
मार्च 2025 में शिकायतकर्ता आशुतोष मनु दीक्षित ने EOW में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद 23 अप्रैल को एक जांच टीम गठित की गई। 6 जून को जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी गई, जिसमें तीनों कंपनियों पर कुल 443 करोड़ रुपये की वसूली का आकलन किया गया। संजय पाठक और उनकी कंपनियों से जुड़े अधिकारियों ने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
हालांकि, कंपनी की ओर से जारी एक पत्र में दावा किया गया कि वे 70 वर्षों से माइनिंग कारोबार में हैं और कोई अवैध उत्खनन नहीं किया गया। उनका आरोप है कि जांच दल ने बिना मौके पर जाए गलत रिपोर्ट तैयार की है। यह कार्रवाई भारतीय खनन ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। ब्यूरो के अधिकारियों ने सैटेलाइट डेटा और अन्य साक्ष्यों के जरिए अवैध उत्खनन की पुष्टि की। विधानसभा में कांग्रेस विधायक अभिजीत शाह और हेमंत कटारे ने शिकायत पर हुई कार्रवाई को लेकर सवाल पूछा था। इसके जवाब में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लिखित में 443 करोड़ रुपये के जुर्माने की पुष्टि की।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
संजय पाठक बड़े माइनिंग कारोबारी हैं। उनके पिता, स्वर्गीय सतेंद्र पाठक, दिग्विजय सरकार में खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री रह चुके हैं। 2013 से पहले संजय पाठक कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन पार्टी की हार के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया और दोबारा विधायक बने। उस समय चर्चा थी कि उन्होंने अपने माइनिंग कारोबार को बचाने के लिए भाजपा ज्वॉइन की थी।
हाल ही में संजय पाठक की एक सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें उन्होंने कहा है कि पिछले दो साल से वे परेशानियों का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार के पंद्रह महीनों में भी उन्हें कई तरह की दिक्कतें झेलनी पड़ी थीं। उनके इस बयान के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।