बीजेपी ने बदली तुष्टीकरण की परिभाषा, कहा- मुस्लिम समुदाय को सशक्तिकरण की जरूरत

मदन राठौड़ ने कहा कि उन्होंने मुस्लिम समुदाय को संदेश देते हुए कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी का ठप्पा मत लगने दो, क्योंकि ठप्पा लगने के बाद कोई विकास की चिंता नहीं करता।
बीजेपी ने कांग्रेस पर हमेशा मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप लगाए हैं, लेकिन अब इस तुष्टीकरण की व्याख्या बदलती दिखाई दे रही है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने जयपुर में आयोजित अल्पसंख्यक मोर्चा की बैठक में कहा कि तुष्टीकरण का मतलब केवल मुस्लिम समुदाय से जोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि तुष्टीकरण का मतलब है किसी को तात्कालिक रूप से संतुष्ट करना, जैसे पोते को टॉफी देकर चुप कराना।
राठौड़ ने इसे उधारी और रोकड़िए से जोड़ा। उन्होंने कहा कि दुकानदार रोकड़िए को अच्छे से सम्मान देगा, बढ़िया सामान देगा। वहीं उधारी वाले को बैठा देगा, और खराब सामान थमा देगा। यही अंतर तुष्टीकरण और सशक्तिकरण में है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को मजबूत बनाओ, उन्हें सक्षम बनाओ ताकि वह खुद अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
राठौड़ ने अपनी पत्नी का उदाहरण देते हुए कहा कि वो नाराज हो जाए तो अंगूठी दिला देता हूं, लेकिन असली समाधान यह है कि वह खुद आत्मनिर्भर बने। उन्होंने मुस्लिम समुदाय को संदेश देते हुए कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी का ठप्पा मत लगने दो, क्योंकि ठप्पा लगने के बाद कोई विकास की चिंता नहीं करता।
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने भी इस मौके पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और कहा कि तुष्टीकरण का मतलब है किसी को मूर्ख बनाकर अपना काम निकालना, जो कांग्रेस की राजनीति की संस्कृति रही है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी सच्चाई के साथ काम करती है, चाहे वह मुश्किल क्यों न हो।
सिद्धिकी ने ‘डॉ. कलाम स्टार्टअप यूथ अवार्ड 2.0’ की भी घोषणा की, जो मुस्लिम युवा उद्यमियों को सशक्त बनाने की पहल है। यह कार्यक्रम दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जहां देशभर से मुस्लिम स्टार्टअप उद्यमियों को सम्मानित किया जाएगा।
जयपुर बीजेपी कार्यालय में हुई इस बैठक की अध्यक्षता हमीद खां मेवाती ने की। इसमें प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के साथ कई अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक का मूल संदेश यही था कि मुस्लिम समाज को तुष्टीकरण नहीं, सशक्तिकरण की ओर बढ़ना होगा।