राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का हुआ ऐलान, भाजपा ने ये चार नाम रखे सामने।

चुनाव आयोग ने बुधवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। ख़बरों के मुताबिक इसके लिए 14 जून को अधिसूचना जारी हो जाएगी। उम्मीदवारों द्वारा नामांकन भरने की अंतिम तारीख 28 जून होगी। 29 जून को आयोग द्वारा नामांकनों की जांच किए जाने के बाद उम्मीदवार एक जुलाई तक अपना नाम वापस ले सकते हैं। देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद के लिए 17 जुलाई को संसद और राज्यों की विधानसभा में मतदान होना है। इसके बाद 20 जुलाई को इसके नतीजे घोषित किए जाएंगे। बीजेपी की बैठक हुई खत्म राष्ट्रपति को लेकर

चुनाव के तारीखों की घोषणा के बाद से ही तमाम दलों ने इसके लिए अपनी कवायदें तेज कर दी है। एक तरफ जहां कांग्रेस तमाम सहयोगी दलों और छोटे दलों को अपनी ओर करने में जुटी है तो दूसरी तरफ भाजपा अपने सहयोगी दलों के साथ उन विकल्पों को साथ लाने में अपनी ताकत झोंक रही है जो उसके कम पड़ रहे नंबर को पूरा कर सके। वहीं, भाजपा की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए जो उम्मीदवार सबसे आगे हैं उसमें द्रौपदी मुरमू, सुषमा स्वराज, थावर चंद गहलोत और वेंकैया नायडू हैं। हालांकि, भाजपा इस बात को लेकर आश्वस्त है कि वह राष्ट्रपति चुनाव में पर्याप्त नंबर हासिल कर लेगी और अगला राष्ट्रपति उसकी ही पसंद का होगा।

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पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि वह अन्य दलों के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। हालांकि, उन्होंने अभी तक इस बात की ओर इशारा नहीं किया है कि यह उम्मीदवार आपसी सहमति का होगा या नहीं। लेकिन, माना जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए भाजपा एक ऐसे उम्मीदवार को आगे लाना चाहेगी जिसपर आम राय बन सके। राष्ट्रपति चुनाव इस बात की वजह से भी काफी अहम हो गया है क्योंकि जो भी इस चुनाव में जो गुट जीत दर्ज करेगा वह अपनी ताकत को और मजबूत करेगा। गुजरात और कर्नाटक में होने वाले चुनाव के मद्देनजर भी यह चुनाव काफी अहम है, लिहाजा दोनों ही गुट राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करके शक्ति प्रदर्शन करने की भी कोशिश करेंगे।

ख़बरों के मुताबिक, द्रौपदी मुर्मू, सुषमा स्वराज, थावर चंद गहलोत और वेंकैया नायडू का नाम सबसे आगे हैं। द्रौपदी मुरमू इस वक्त झारखंड की राज्यपाल है और उनके पास करीब दो दशक की राजनीति का अनुभव है। थावर चंद गहलोत मौजूदा समय में राज्यसभा सांसद है, और सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे हैं। वहीं, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को एक कद्दावर नेता के तौर पर जाना जाता है, अगर भाजपा उनके नाम के साथ आगे आती है तो मुमकिन है कि सभी दल एकजुट हो जाए और उन्हें अपना समर्थन दे। जबकि वेंकैया नायडू के नाम को लेकर अभी तक किसी भी तरह की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन तमाम सूत्रों की मानें तो कई शीर्ष नेताओं ने उनकी ओर इशारा किया है।

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