बिहार: IT सेक्टर में नवाचार के लिए सूचना प्रावैधिकी विभाग की पहल

बिहार के सूचना प्रावैधिकी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू ने कहा कि हमारी सरकार यह मानती है कि अगर स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन दिया जाए, तो वे भविष्य के बड़े रोजगार सृजनकर्ता बन सकते हैं। इसलिए यह योजना विशेष रूप से तैयार की गई है।

बिहार सरकार द्वारा राज्य में आईटी क्षेत्र में उद्यमिता और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए एक अहम कदम उठाया गया है। सूचना प्रावैधिकी विभाग ने सोमवार को पटना स्थित बिस्कोमान टावर के 9वें और 13वें तल पर 10 स्टार्ट-अप कंपनियों को निशुल्क ऑफिस स्पेस आवंटित किया। इस योजना का उद्देश्य राज्य में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना, आईटी/आईटीईएस/ईएसडीएम सेक्टर में निवेश आकर्षित करना और युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है।

युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निर्णायक कदम
इस अवसर पर बिहार के सूचना प्रावैधिकी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू ने कहा कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि आईटी सेक्टर में निवेश को गति देने के लिए बिहार सरकार ने जनवरी 2024 में बिहार आईटी नीति लागू की थी, जिसके बाद इस क्षेत्र में अभूतपूर्व निवेश दर्ज किया गया है। मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार यह मानती है कि अगर स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन दिया जाए, तो वे भविष्य के बड़े रोजगार सृजनकर्ता बन सकते हैं। इसलिए यह योजना विशेष रूप से तैयार की गई है।

उन्होंने जानकारी दी कि आज जिन स्टार्ट-अप को स्पेस आवंटित किया गया है, उनमें हाइप्रोटेक इंडिया टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, ग्रीनस्टार्क इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड और फ्लो एपीआईज प्राइवेट लिमिटेड सहित कुल 10 कंपनियां शामिल हैं।

केवल छह महीने तक निशुल्क सुविधा
विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि इन स्टार्ट-अप कंपनियों को प्रारंभिक छह महीने तक निशुल्क ऑफिस स्पेस की सुविधा दी जाएगी। इस अवधि के बाद उनके प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी और अच्छा काम करने वाली कंपनियों को आगे छह महीने तक और यह सुविधा प्रदान की जा सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले 13 आईटी स्टार्ट-अप कंपनियों को इसी योजना के तहत ऑफिस स्पेस उपलब्ध कराया जा चुका है, जो वर्तमान में बिस्कोमान टावर में कार्यरत हैं।

स्टार्ट-अप को मिल रही है संपूर्ण कार्यस्थल की व्यवस्था
इस योजना के तहत स्टार्ट-अप कंपनियों को केवल ऑफिस स्पेस ही नहीं, बल्कि एक पूरी तरह से सुसज्जित कार्यस्थल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें केबिन, बिजली, एयर कंडीशनिंग, हाई-स्पीड इंटरनेट, रिसेप्शन एरिया, डेडीकेटेड लिफ्ट, सिक्योरिटी, हाउसकीपिंग, वाहन पार्किंग और कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं शामिल हैं। यह पहल न केवल नवाचार को बढ़ावा देने वाली है, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और बिहार को तकनीकी हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।

आईटी नीति 2024 से बदली तस्वीर
गौरतलब है कि बिहार सरकार द्वारा नौ जनवरी 2024 को लागू की गई ‘बिहार आईटी नीति 2024’ के तहत पहले से ही निवेशकों को कई प्रकार की सब्सिडी और प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं। इनमें पूंजीगत निवेश सब्सिडी, ब्याज अनुदान, लीज रेंटल सब्सिडी, विद्युत बिल सब्सिडी और रोजगार सृजन सब्सिडी शामिल हैं। इस नीति का असर यह हुआ है कि अब देश के विभिन्न हिस्सों से आईटी कंपनियां बिहार में निवेश करने के लिए आकर्षित हो रही हैं। इससे राज्य की आर्थिक संरचना और रोजगार परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है।

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