बिहार में H-फाइल्स बेअसर: वोट चोरी का मुद्दे पर नहीं मिले वोट

बिहार में इस बार का विधानसभा चुनाव आसान नहीं रहा। राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी रण में अपने सारे धागे खोल कर रख दिए। क्या भाजपा, क्या कांग्रेस और क्या राजद-जदयू सभी राजनीतिक पार्टियों ने जमकर प्रचार-प्रसार और चुनावी वादे किए। इन सब के बीच ऊहापोह इस बात की तेज थी कि बिहार में इस बार महागठबंधन का ‘राहुल फैक्टर’ चुनावी नतीजे को प्रभावित कर सकता है। कारण है कि बीते कई महीनों से राहुल गांधी ने वोट चोरी का मुद्दा खुब उठाया है। पहले प्रेस वार्ता में कई दावे किए, फिर बिहार में खूब रैलियां की और अंत में ‘हाइड्रोडन बम’ के माध्यम से केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा।
हालांकि आज जब मतगणना शुरू हुई तब जनता का मत कुछ और ही दिखा। मत इतना प्रभावी था महागठबंध और कांग्रेस के सभी चुनावी समीकरण बेअसर होते दिखे। खासकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तरफ से चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर लगाए गए आरोप भी धूमिल होता दिखा। ताजा अपडेट के अनुसार पार्टी का प्रदर्शन लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) से भी खराब रहा है।
कांग्रेस का लोजपा और एआईएमआईएम से भी बुरा हाल
चुनाव आयोग के आंकड़े बताते है कि अभी तक की मतगणना के अनुसार कांग्रेस केवल चार सीटों पर आगे चल रही है। वहीं लोजपा (आर) 20, एआईएमआईएम और जीतन राम मांझी की पार्टी हम पांच सीटों पर अपनी बढ़त बनाए हुए है। ऐसे में ये भी कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा और जेदयू समर्थित एनडीए गठबंधन ने एकतरफा बढ़त हासिल कर बिहार में ‘राहुल फैक्टर’ पूरी तरह खत्म कर दिया। उनके साथ-साथ तेजस्वी यादव का इस बार मुख्यमंत्री बनने का सपना पर टूटता दिख रहा है।
कितनी सीटों पर एनडीए की बढ़त?
बता दें कि खबर लिखे जाने तक एनडीए ने 201 सीटों पर अपनी बढ़त बना रखी है, जिसमें भाजपा 91, जेदयू 81, लोजपा (आर) 21 रालोमो 2 और हम ने अपनी पांच सीटों पर बेजोड़ बढ़त बना रखी है। वहीं बात अगर महागठबंधन की करें तो राजद ने 27 सीटों पर कांग्रेस चार, वामदल चार, वीआईपी ने एक सीट पर अपनी बढ़त कायम रखा है।





