बिहार: महागठबंधन में सीट बंटवारे पर खत्म हुई रार या पार्टियों के बीच जारी है तकरार

एनडीए के विरोध में एकजुट हुए विपक्षी दल के सामने देशभर में सीट बंटवारा चुनौती बनी हुई है। गठबंधन और न्यूनतम साझा कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए विपक्षी दलों की बैठक 27 फरवरी को दिल्ली में होगी। इससे पहले 13 फरवरी को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के घर पर विपक्षी दलों की बैठक हुई थी। बावजूद इसके सीटों का बंटवारा कई राज्यों में क्लियर नहीं हो पाया है। बिहार: महागठबंधन में सीट बंटवारे पर खत्म हुई रार या पार्टियों के बीच जारी है तकरार

बिहार में भी कुछ ऐसी स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस और राजद फिलहाल यहां बड़े दल हैं। यहां एक ओर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा(हम) के अध्यक्ष और पूर्व सीएम जीतनराम मांझी एक सीट के प्रस्ताव पर नाराजगी जता चुके हैं, वहीं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी भी दो-तीन सीटों पर संतुष्ट नहीं होने वाली। मल्लाह नेता मुकेश सहनी भी खगड़िया और दरभंगा जैसी सीटों पर नजर है। 

सीट शेयरिंग पर सहमति बहुत आसान नहीं

बिहार में लोकसभा की 40 सीटे हैं। आम चुनाव 2014 में भाजपा ने 22, लोजपा ने 6, राजद ने 4, रालोसपा ने 3, कांग्रेस ने 2, जदयू ने 2 और एनसीपी ने 1 सीटें जीती थीं। इस बार गठबंधनों का समीकरण अलग है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में पिछले दिनों हुई बैठक में सीट बंटवारे का प्रस्ताव तैयार हुआ है। इस बैठक में अहमद पटेल और तेजस्वी यादव के साथ उपेन्द्र कुशवाहा भी शामिल थे। 

सीट शेयरिंग पर सहमति बन जाना आसान इसलिए भी नहीं दिखता, क्योंकि राजद और कांग्रेस खुद को बड़े भाई की भूमिका में देखती है। राजद की दावेदारी 15 से ज्यादा सीटों पर रहेगी, जबकि कांग्रेस भी 15 से कम सीट पर संतुष्ट होना नहीं चाहेगी। जीतन राम मांझी पहले ही एलान कर चुके हैं कि वह किसी भी कीमत पर रालोसपा से कम सीटों पर नहीं मानेंगे। ऐसे में महागठबंधन में सीट बंटवारे पर कई पेंच हैं।

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