बिहार: ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए हवलदार सुनील सिंह पंचतत्व में विलीन

शहीद सुनील सिंह यादव को उनके 14 वर्षीय बेटे सौरभ यादव ने रानी घाट पर मुखाग्नि दी। इस दृश्य ने हर किसी की आंखें नम कर दीं। मुखाग्नि देने के बाद बेटे और बुजुर्ग पिता दोनों ने शहीद को सैल्यूट किया।
देश की रक्षा में प्राण न्योछावर करने वाले बिहार के वीर सपूत 46 वर्षीय हवलदार सुनील सिंह यादव को रविवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के ड्रोन हमले में घायल हुए सुनील सिंह ने पांच जून को उधमपुर आर्मी अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। आज उनके पैतृक गांव नरबतपुर में गमगीन माहौल के बीच उन्हें रानी घाट पर पंचतत्व में विलीन किया गया।
तिरंगा यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, गूंजे देशभक्ति के नारे
सुनील सिंह का पार्थिव शरीर जब गांव लाया गया तो वातावरण ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम्’ और ‘शहीद सुनील अमर रहें’ के नारों से गूंज उठा। उनके गांव से करीब आठ किलोमीटर दूर तक तिरंगा यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों लोग बाइक और पैदल शामिल हुए। लोग हाथों में तिरंगा लिए, गर्व और गम से लबरेज भावनाओं के साथ अंतिम यात्रा में शरीक हुए।
पत्नी और पिता का हाल बेहाल
पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए घर के बाहर रखा गया, जहां शहीद की पत्नी बेसुध होकर रोने लगीं। पिता की आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे, लेकिन बेटे की शहादत पर गर्व भी था। गांव और आसपास के दर्जनों गांवों से लोग उन्हें अंतिम सलामी देने पहुंचे। पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई थी, पर साथ ही शहीद के प्रति सम्मान भी हर चेहरे पर दिख रहा था।
बेटे ने निभाई अंतिम जिम्मेदारी, बूढ़े पिता ने किया सैल्यूट
शहीद सुनील सिंह यादव को उनके 14 वर्षीय बेटे सौरभ यादव ने रानी घाट पर मुखाग्नि दी। इस दृश्य ने हर किसी की आंखें नम कर दीं। मुखाग्नि देने के बाद बेटे और बुजुर्ग पिता दोनों ने शहीद को सैल्यूट किया। यह क्षण केवल एक परिवार की विदाई नहीं, बल्कि एक राष्ट्र के वीर को सम्मान देने का था। मौके पर सेना के जवानों के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी, स्थानीय नेता और नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद थे।
नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
शहीद का पार्थिव शरीर एक दिन पहले उधमपुर से सैन्य सम्मान के साथ दिल्ली और फिर पटना लाया गया था। पटना एयरपोर्ट पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत कई वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
27 दिन तक चला संघर्ष, फिर भी मुस्कुराते रहे वीर
सुनील सिंह यादव नौ मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कश्मीर के राजौरी में पाकिस्तानी ड्रोन हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। प्राथमिक इलाज के बाद उनकी हालत बिगड़ती चली गई, जिसके बाद 15 मई को उन्हें एयरलिफ्ट कर उधमपुर सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उन्होंने 27 दिनों तक इलाज के दौरान वीरता से जूझते हुए पांच जून को अंतिम सांस ली। उनके फौजी भाई ने बताया कि वे वेंटिलेटर पर रहते हुए भी मुस्कुराते थे और कहते थे कि टेंशन मत लो।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कर्तव्य निभाते हुए हवलदार सुनील सिंह ने जिस तरह अपनी जान की बाजी लगाई, उसने उन्हें अमर कर दिया। उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्र सेवा की प्रेरणा देता रहेगा।