बिश्नोई महासभा विवाद: लॉरेंस बिश्नोई ने देवेंद्र बूड़िया का किया समर्थन

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में चल रहे विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। सोशल मीडिया पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम से एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया का समर्थन करते हुए एक ‘तानाशाह’ को अंजाम भुगतने की धमकी दी गई है। हालांकि, पोस्ट में कुलदीप बिश्नोई का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिया गया है, लेकिन इसे उनके खिलाफ माना जा रहा है। कुलदीप बिश्नोई के मीडिया प्रभारी ने इस पोस्ट को पांच-छह महीने पुराना और फर्जी आईडी से बनाया हुआ बताया है। हिसार पुलिस प्रवक्ता विकास कुमार ने कहा कि इस मामले में अभी तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
वायरल पोस्ट में लिखा गया है कि मैं लॉरेंस, राष्ट्रीय जीव रक्षा युवा मोर्चा अध्यक्ष, बिश्नोई समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया के निर्णय का समर्थन करता हूं, क्योंकि एक तानाशाह ने उन पर दबाव बनाया और बदतमीजी की। समाज हित में कार्य न करने वाले तानाशाह को खत्म करने के लिए हम किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।” पोस्ट में बिश्नोई समाज के हित में स्वतंत्र चुनाव की वकालत की गई है।
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में पिछले छह महीनों से पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया और पूर्व संरक्षक व भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई के बीच विवाद चल रहा है। 25 जून 2025 को राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम में हुई महापंचायत में बिश्नोई समाज के संतों ने दोनों को अपने-अपने पदों से इस्तीफा देने का निर्देश दिया था। साथ ही, अक्टूबर 2025 तक महासभा के नए चुनाव कराने का फैसला लिया गया। इसके बाद, देवेंद्र बूड़िया ने सरेंडर कर दिया था, और 29 जून 2025 को हरियाणा स्टेट क्राइम ब्रांच ने उन्हें जोधपुर से रेप के एक मामले में गिरफ्तार किया था।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
हिसार पुलिस ने स्पष्ट किया कि लॉरेंस बिश्नोई की कथित पोस्ट के संबंध में कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। पुलिस प्रवक्ता विकास कुमार ने कहा कि हमें इस पोस्ट के बारे में कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई है। यदि शिकायत मिलती है, तो हम जांच करेंगे। वहीं, कुलदीप बिश्नोई के मीडिया प्रभारी ने पोस्ट को फर्जी और पुराना बताते हुए कहा कि यह किसी फेक आईडी से बनाया गया है और इसका कोई आधार नहीं है।
सोशल मीडिया पर चर्चा
सोशल मीडिया, खासकर बिश्नोई समाज के व्हाट्सएप ग्रुपों में यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। कुछ यूजर्स ने इसे लॉरेंस बिश्नोई की ओर से देवेंद्र बूड़िया के समर्थन में देखा, जबकि अन्य ने इसे फर्जी और विवाद को बढ़ाने की कोशिश करार दिया। एक एक्स पोस्ट में यूजर ने लिखा कि बिना जांचे-परखे फर्जी पोस्ट पर पुलिस और मीडिया निर्णय लेने लगे हैं, जिससे विश्वसनीयता खत्म हो रही है।
विवाद का इतिहास
देवेंद्र बूड़िया और कुलदीप बिश्नोई के बीच विवाद पिछले साल दिसंबर में उस समय शुरू हुआ, जब बूड़िया ने कुलदीप को संरक्षक पद से हटाने का प्रस्ताव पास किया, यह कहते हुए कि उनके बेटे के अंतरजातीय विवाह से समाज में रोष है। जवाब में, कुलदीप ने बूड़िया को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाकर परसराम बिश्नोई को नया अध्यक्ष नियुक्त किया। इसके बाद बूड़िया पर हिसार के आदमpur थाने में रेप का केस दर्ज हुआ, जिसे उन्होंने कुलदीप बिश्नोई की साजिश बताया।